हमीरपुर, 30 अप्रैल : जनपद की ग्राम पंचायत पांडवी के गांव मैड़ के एक परिवार को खेतों में काम करते समय एक दुर्लभ पत्थर (rare stone) मिला है। पत्थर को पानी में डालने पर वो तैरने (Floating) लगा।
जानकारी देते हुए सूबेदार जगदेव प्रकाश ने बताया कि वह फूलों की क्यारी में काम कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें यह दुर्लभ पत्थर मिला। उस पत्थर को देखकर वह हैरान रह गए। उन्होंने जब उस पत्थर को पानी को डुबोया तो वह पानी में तैरने लगा। पानी में पत्थर के तैरने की सूचना जैसे ही ग्रामीणों को मिली, तो लोग इसे देखने के लिए काफी संख्या में उमड़ पड़े।
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लोगों का कहना है कि यह पत्थर किसी चमत्कार (miracle) से कम नहीं है। इसे देखकर सब हैरान हैं। बता दें कि पत्थर के पानी में तैरने की घटना नई नहीं है। इससे पहले कांगड़ा जनपद के ज्वाली में पौंग जलाशय (Pong Lake) में इस तरह के पत्थर देखे गए थे। पौंग झील की बाथू की लड़ी में तैरने वाले पत्थरों के मिलने का सिलसिला कई दिन तक चलता रहा, जिसे लोग दैविक चमत्कार भी मानते रहे हैं। दरअसल इन पत्थरों को रामसेतु के निर्माण में इस्तेमाल हुए पत्थरों से जोड़कर देखा जाता है।
क्यों तैरते है पत्थर पानी में….
वैज्ञानिकों (scientists) के पास पत्थरों के तैरने के कई प्रमाण हैं। भूगर्भ शास्त्र वैज्ञानिकों (geology scientists) के मुताबिक अपनी अलग संरचना और गुणों के कारण इन पत्थरों में पानी में तैरने का गुण पाया जाता है। इन पत्थरों में प्यूमिक स्टोन (pumice stone) व सेंड स्टोन (sand stone)शामिल हैं।
विज्ञान का सिद्धांत (principle) कहता है कि कोई भी वस्तु जिसका आयतन (volume) पानी से ज्यादा है, तो वह पानी में डूब जाएगी, लेकिन जिसका आयतन पानी से कम है, तो वह पानी की सतह पर तैरती रहेगी। इसी तरह कुछ विशेष पत्थर होते हैं जिनमें गुहाएं (cavity) पाई जाती हैं, जो इतनी ज्यादा होती हैं कि पूरा का पूरा पत्थर किसी सामान्य पत्थर की तरह कठोर दिखाई देता है, लेकिन वजन में काफी हल्का होता है। यही वजह है कि पानी में डूब जाने वाला पत्थर पानी में तैरता रहता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार ज्वालामुखी (Volcano) का लावा (Lava) जब धीरे-धीरे ठंडा होकर चट्टान में परिवर्तित होता है, तो लावा की ऊपरी सतह पर बुलबुले (Bubbles) निकलते हैं। जब लावा ठंडा होने लगता है, तो इन बुलबुलों के कारण उनमें गुहाएं (cavity) बन जाती हैं, जिससे उसमें हवा भर जाती है।
यही हवा उस पत्थर को इतना हल्का कर देती है कि वह पानी में तैरने लगता है। ऐसे पत्थर को हम प्यूमिक स्टोन कहते हैं। इसी तरह का एक और पत्थर होता है जो सेंड स्टोन होता है। यह पत्थर भी पानी में तैरता रहता है।