सोलन, 27 अप्रैल : परवाणू में माइनिंग कर रहे सोलन के एक ठेकदार के दो ट्रक व् एक जेसीबी को ग्रामीणों ने अवैध खनन करते पकड़ा है। मंगलवार रात 8:30 बजे के करीब कामली गांव में लगे चेकडैम के पास से बजरी व पत्थर ढोते हुए दो टिप्पर व एक जेसीबी को गांव वालों ने रोका व माइनिंग विभाग को इसकी जानकारी दी।
गौर हो की माइनिंग की शिकायतें गांव वालों द्वारा पहले भी की जाती रही हैं, परन्तु किसी भी विभाग ने इस बारे कोई कार्रवाई नहीं की। इस बार गांव वालों ने खुद कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंच कर टिप्पर रोके व उनकी हवा निकाल दी। इसके बाद पुलिस व माइनिंग विभाग को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर न केवल चालान किए, बल्कि आगे की कार्यवाही के लिए संबंधित विभाग के हवाले कर दिया।
माइनिंग विभाग के अधिकारी देर रात पहुंचे और पुलिस द्वारा दिए चालान का हवाला देकर वन विभाग द्वारा कार्रवाई का हवाला दे कर मौके से चले गए। हारकर सुबह गांव वालों ने वन विभाग को कार्रवाई के लिए बुलाया। वन विभाग के अधिकारियों ने यह कह कर कार्रवाई टाल दी कि यह जगह शामलात है और हम कार्यवाही नहीं कर सकते। एक नामी ठेकेदार के रसूक के आगे सभी विभाग छोटे पड़ते नज़र आ रहे हैं। इसके चलते किसी भी विभाग द्वारा उचित कार्यवाही अमल में नहीं लाई जा रही है।
हैरानी की बात तो यह है की टिप्पर के ड्राइवरों के पास हिमुडा द्वारा जारी आदेश भी थे, जिसमे उन्हें हिमुडा द्वारा गाद निकलने की अनुमति दी गई थी, परन्तु गाद की आड़ में माइनिंग करते पकड़े जाने पर भी विभागों की चुप्पी भी मिलीभगत की ओर इशारा कर रही है।
माइनिंग ऑफिसर सोलन से इस बारे पूछा गया तो उनका कहना था कि पुलिस द्वारा चालान कर दिए गए थे, इसलिए दोबारा चालान नहीं किये जा सकते थे। हम हिमुडा को ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की कार्यवाही करने के लिए लिखेंगे।
उधर थाना प्रभारी परवाणू दयाराम ठाकुर ने कहा कि कानून के अनुसार माइनिंग एक्ट में चालान किये गए हैं व चालान भुगतने के बाद ही वाहन छोड़े जायेंगे।
जिला वन अधिकारी सोलन श्रेष्ठनंद ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है इस पर दोनों विभागों द्वारा क्या कार्रवाई की गई है, उसके अनुसार ही हम अपनी कार्रवाई अमल में ला सकते हैं।