ज्वालामुखी ( मोनिका शर्मा): ज्वालामुखी स्वर्णकार एवं सर्राफा संघ ने स्थानीय पुलिस की ओर से उनके मामले में की जा
रही भेदभावपूर्ण कार्रवाई की शिकायत परिवहन मंत्री जीएस बाली से की है। स्वर्णकारों का एक शिष्टमंडल बाली से मिला व उन्हें अपनी आपबीती बताते हुए इंसाफ की गुहार लगाई है। बाली के समक्ष अपना दु:खड़ा रोते हुए स्वर्णकारों ने आरोप लगाया है कि ज्वालामुखी पुलिस ने उनके खिलाफ सुनियोजित तरीके से भेदभावपूर्ण नीति अपनाते हुए झूठा मामला बनाया। मात्र उनके लोगों को ही निशाना बनाया गया।
स्वर्णकार एवं सर्राफा संघ का कहना है कि जिस तरीके से बंद को लेकर हुई मामूली कहासुनी को तूल दिया गया, उसमें उन्हें राजनीति नजर आ रही है। संघ के उपाध्यक्ष मनोज कपूर ने कहा कि एक देश में दो कानून नहीं हो सकते। पुलिस ने एक ओर तो संघ के सदस्यों पर झूठा मामला तो बना दिया,लेकिन ज्वालामुखी में घंटो नेशनल हाईवे को जाम करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि उन्होंने करीब तीन दर्जन लोगों के नाम पुलिस को दिए हैं। साथ ही मामला दर्ज करने की मांग की है। लेकिन पुलिस आनाकानी कर रही है, जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजिमी है। उन्होंने कहा कि ज्वालामुखी पुलिस नेशनल हाईवे में यातायात बाधित करने वालों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर में धर्मशाला शिमला नेशनल हाईवे को करीब सात घंटे तक रोक कर उत्पाती लोगों ने कानून को बंधक बनाए रखा। कानून व्यवस्था के लोग कुछ भी नहीं कर पाए।
उन्होंने कहा कि हिमाचल बंद का आह्वान पूरे प्रदेश में था, ज्वालामुखी में भी एक दिन पहले ही तय कर लिया गया था कि बाजार बंद रहेगा। लेकिन शनिवार जब दो चार दुकानें खुली थीं तो सुबह कुछ स्वर्णकार उन दुकानों को बंद कराने के लिए गए। लेकिन एक दुकानदार ने मारपीट का झूठा आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा कि उनके लोग ज्वालामुखी से भागे नहीं , बल्कि कांगड़ा में अपने जिला स्तरीय विरोध प्रर्दशन में शामिल होने गए थे। वहां उन्हें पता चला तो सब लोग अपने आप थाना आ गए। परिवहन मंत्री से मिल स्वर्णकारों ने मामले की जांच कराने की मांग करते हुए नेशनल हाईवे बंद करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।