ज्वालामुखी (मोनिका शर्मा): ज्वालामुखी में पिछले दिनों स्वर्णकारों की ओर से आयोजित हिमाचल बंद के दौरान स्थानीय दुकानदारों के आपसी तनातनी के बाद धर्मशाला शिमला नेशनल हाईवे बंद करने को लेकर उपजे विवाद के शिकार ज्वालामुखी के एक पुलिस अधिकारी अशोक राणा पर की गई कार्रवाई को लेकर पुलिस प्रशासन पर उगंलियां उठनी शुरू हो गई हैं। इलाके के लोग अब उनके खिलाफ की गई कार्रवाई को निरस्त करने की मांग कांगड़ा के एसपी से कर रहे हैं।
दरअसल ज्वालामुखी के एक दुकानदार से कथित मारपीट के बाद स्थानीय लोगों ने हाईवे जाम कर विरोध प्रर्दशन किया और आरोपियों को पकडऩे की मांग की, तो पुलिस ने कार्रवाई की। दरअसल एक दुकान को बंद कराने को लेकर दुकानदारों का आपसी विवाद हो गया था। बाद में हाईवे बंद कर प्रर्दशन कर रहे लोगों को हटाने डयूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी राणा सामने आए और उनकी भी प्रर्दशन कर रहे लोगों से कहासुनी हो गई। लेकिन इस सबके बावजूद अनुशासन की गाज एएसआई अशोक राणा पर गिरी और उन्हें लाईन हाजिर कर दिया गया।
हैरानी का विषय है कि यहां मौका पर डटने के बजाए एसएचओ चंदेल आरोपियों को पकडऩे के लिए चले गए। लेकिन डयूटी में कोताही बरतने की कार्रवाई उनके जूनियर अधिकारी पर हुई, जो किसी को भी रास नहीं आ रही। इस सबके चलते इलाके में यह चरचा जोरों पर है कि राणा के खिलाफ यह कदम क्यों उठाया गया।
दरअसल राणा की गिनती बहादुर पुलिस अफसरों में होती रही है। पिछले दिनों मझीण में स्थानीय युवतियों से कथित छेड़छाड़ के आरोपी डाक्टर पर भीड़ ने हमला किया, तो राणा ने हवा में फायर कर भीड़ के चुंगल से डाक्टर को बचाया था। इस मामले में भी राणा ने यहां नेशनल हाईवे जाम करने वालों को चेतावनी देते हुए उन्हें हटने को कहा था।