मंडी, 9 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपने मौजूदा बजट में 60 साल से अधिक आयु वाले हर बुजुर्ग को सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने का वादा किया है। अब सरकार ने इसके लिए बनाए नियमों को भी जारी कर दिया है। नियम 6 में अपात्रता में कुछ ऐसे वर्गों का जिक्र किया गया है जो 60 वर्ष की आयु पूरा करने के बाद भी इस पेंशन के हकदार नहीं होंगे। इनमें वे दंपत्ति शामिल हैं जो सरकारी सेवा से सेवानिवृत होकर पेंशन ले रहे हैं और जो आयरक भर रहे हैं।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि पति-पत्नी में किसी एक को सरकारी सेवा की पेंशन मिल रही है तो फिर उन्हें सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं दी जाएगी। वहीं, यदि पति-पत्नी में से कोई एक आयकरदाता है तो फिर उसे भी सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं दी जाएगी। इन दो वर्गों को छोड़कर बाकी सभी वर्गों को पेंशन देने की बात कही गई है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जरूरतमंदों को हर महीने सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिले, सरकार ने इसी मंशा के साथ इस योजना को शुरू किया है। सरकार ने इसके लिए एक हलफनामा भी जारी किया है जो पेंशन लेने वाले को खुद भरकर और अपने हस्ताक्षर करके देना होगा। उसमें स्पष्ट लिखा है कि यदि वो जानकारी गलत देता है तो फिर उसके लिए वही दोषी होगा।
जान लीजिए कितनी मिलेगी पेंशन…
60 से 69 आयु वाले बुजुर्ग पुरुष और 60 से 64 आयु वाली बुजुर्ग महिलाओं को हर महीने 1000 की पेंशन मिलेगी। 65 से 69 वर्ष की बुजुर्ग महिलाओं को 1150रू पेंशन देने का प्रावधान किया गया है। 70 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी बुजुर्गों को 1700रू मासिक पेंशन मिलेगी।
विधवा/परित्यक्त/एकल नारी और 40 से 69 प्रतिशत दिव्यांगता वाले लोगों को 1150 प्रतिमाह, जबकि 70 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग वालों को 1700प्रतिमाह की दर से पेंशन मिलेगी। कुष्ठरोग पुनर्वास भत्ता और ट्रांसजेंडर पेंशनरों को 1000 प्रतिमाह पेंशन देने का प्रावधान किया गया है। यह पेंशन 1 अप्रैल 2022 से देय होगी।