मंडी, 8 अप्रैल : 4 अप्रैल को एचआरटीसी की बस दुर्घटना में सवारियों की जान बचाने के लिए जिस ड्राइवर ने अपने प्राणों की आहुति दी, सरकार ने उसे सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए मात्र 5 दिनों में उसकी पत्नी को सरकारी नौकरी का आदेश जारी कर दिया है।
शुक्रवार को एचआरटीसी के मंडलीय प्रबंधक संतोष कुमार ने इस संदर्भ में अधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं। दिवंग्त ड्राइवर नंद किशोर की 25 वर्षीय पत्नी को एचआरटीसी में चपरासी के पद पर अनुबंध आधार पर नियुक्ति दी गई है।
स्व. नंद किशोर की पत्नी को उसका हक दिलाने में युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव एवं बीडीसी सदर के उपाध्यक्ष भुवनेश ठाकुर ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने इस मामले को पूरी प्रमुखता से सरकार के समक्ष उठाया और प्राणों की आहुति देने वाले के परिवार को समय पर उनका हक दिलाया।
खुद की जान गवांकर 38 अनमोल जीवन बचा गया HRTC ड्राइवर नंद किशोर
बता दें कि स्व. नंद किशोर अपने पीछे बूढ़ी मां, मानसिक रूप से बीमार बड़ा भाई, पत्नी और 6 व 3 वर्ष के दो बच्चों को छोड़ गया है। नंद किशोर पूरे परिवार का सहारा था, लेकिन सवारियों को बचाने के लिए उसने अपने प्राणों की आहुति दे दी। भाजपा के युवा नेता भुवनेश ठाकुर ने त्वरित कार्रवाई के लिए सरकार और एचआरटीसी प्रबंधन का आभार जताया है।
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37 की जान बचाकर खुद सो गया था मौत के आगोश में…
सोमवार 4 अप्रैल को पंडोह डैम के पास मनाली से शिमला जा रही एचआरटीसी की बस में तकनीकी खराबी आने के चलते वो अनियंत्रित हो गई। चालक नंद किशोर ने बस को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की, लेकिन बस नियंत्रित नहीं हो सकी। एक तरफ पंडोह डैम था तो दूसरी तरफ पहाड़ी थी।
नंद किशोर ने पहाड़ी से बस को टकरा दिया। इस हादसे में सिर्फ नंद किशोर की मौत हुई, जबकि 38 यात्री घायल हो गए थे। बाद में एक 13 वर्षीय बालक की शिमला में उपचार के दौरान मौत हो गई थी, जबकि 37 यात्री अभी भी सुरक्षित हैं।