कुल्लू, 7 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम (HRTC) की लॉन्ग रूट की बस कई नियमों से बंधी होती है। कम दूरी के यात्रियों को प्राथमिकता न देने की मज़बूरी भी होती है। ऐसी स्थिति में निगम एक चालक व परिचालक का मानवीय चेहरा सामने आया है। यही नहीं, बस (Bus) में सफर कर रहे यात्रियों (Passengers) ने देरी को लेकर कोई सवाल नहीं उठाया, क्योंकि ये किसी का जीवन को बचाने की कोशिश थी।
लाहौल व स्पीति जिला के उदयपुर से दिल्ली जा रही एचआरटीसी की बस के चालक-परिचालक महिला यात्री के लिए फरिश्ता बन गए। वीरवार सुबह 8 बजे एचआरटीसी की बस उदयपुर से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। बस (HP66A-2523) जब गोंदला पहुंची तो वहां से एक दंपति बस में सवार हुआ। निगम की ये बस जब अटल टनल (Atal Tunnel) के नज़दीक पहुंची तो सफर कर रही महिला यात्री की अचानक तबीयत बिगड़ गई। इस दौरान वो बेहोश हो गई।
चालक ने तुरंत ही इसकी सूचना क्षेत्रीय प्रबंधक (Regional Manager) को दी, जिसमें उसने बताया कि मरीज को मनाली अस्पताल (Manali Hospital) पहुंचाना अति आवश्यक है। मौके की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन को भी इसकी सूचना दी।
चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. मदन बंधु ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मनाली अस्पताल को अलर्ट कर दिया। बता दे कि टनल के आस-पास कोई भी मेडिकल सुविधा उपलब्ध न होने से चालक ने बस को सीधे अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया।इसके लिए जरुरी आदेश भी हासिल करने में देरी नहीं की। अस्पताल पहुंचने के बाद मरीज को चालक-परिचालक ने ही एडमिट भी करवाया। महिला की हालत अब सामान्य बताई जा रही है।
क्षेत्रीय प्रबंधक परिवहन अधिकारी मंगल मनेपा ने एचआरटीसी बस (HRTC Bus) के चालक रामकुमार, परिचालक दिलीप सिंह की पीठ थपथपाई है। दीगर है कि बस में ही महिला यात्री का ब्लड प्रेशर भी चेक किया गया। उल्लेखनीय है कि चंद रोज पहले ही मंडी बस हादसे में निगम के एक चालक ने अपनी जान गंवाकर 38 यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया था जिसकी चर्चा समूचे हिमाचल में जारी है।