शिमला, 28 मार्च : हिमाचल में विधायकों व मंत्रियों के वेतन भत्तों का टैक्स भी सरकार चुकाती हैं। हिमाचल देश के उन पांच राज्यों में से एक है, जिनके माननीयों के टैक्स का बोझ सरकारी खजाने पर पड़ता है। हिमाचल के अलावा हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश के माननीयों का टैक्स भी सरकार ही अदा करती है। हिमाचल प्रदेश में 68 विधायक है, जिनका सालाना टैक्स क़रीब 2 करोड़ बनता है।
हिमाचल उन पांच राज्यों में से भी एक है जहां माननीयों को सबसे ज़्यादा वेतन व भत्ते मिलते है। माननीयों के टैक्स को लेकर हिमाचल हाइकोर्ट ने नोटिस जारी कर 6 हफ़्ते में जबाब को तलब किया है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के वकीलों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। जिसमें ये कहा गया कि जब देश का हर व्यक्ति टैक्स अदा कर रहा है तो माननीयों का टैक्स सरकार क्यों दे रही है। माननीयों ने अपने लिए अलग से कानून बनाकर ये प्रावधान किया है, जो असंवैधानिक है।
याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता रजनीश मनिकटला ने बताया कि उच्च न्यायालय ने माननीयों के वेतन भत्तों पर सरकार द्वारा टैक्स दिया जाता है। जिसको लेकर हिमाचल सरकार, विधानसभा व भाजपा के महेंद्र सिंह ठाकुर, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, सीपीआई नेता राकेश सिंघा व निर्दलीय होशियार सिंह को नोटिस जारी कर छ सप्ताह में जवाब मांगा गया है।