मंडी, 23 मार्च : देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शामिल चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने इस वर्ष कॉमन एंट्रांस टैस्ट में दी जानी वाली छात्रवृति को 45 करोड़ करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही यह टैस्ट 23 मार्च से 31 मई तक छात्रों की सुविधा अनुसार परिक्षा केंद्रों या फिर घर से भी दिया जा सकता है।
बुधवार को मंडी में आयोजित एक पत्रकारवार्ता के दौरान चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर डाक्टर आरएस बावा ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस बार यूनिवर्सिटी ने टैस्ट के माध्यम से अव्वल रहने वालों छात्रों के लिए स्कॉलरशिप की धनराशि में बढ़ोतरी की है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में पूरे भारत के प्रदेशों की तुलना में हिमाचल प्रदेश के छात्र यूनिवर्सिटी में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसके साथ ही प्लेसमेंट पाने वालों में भी हिमाचल प्रदेश अग्रणी रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के मंडी जिला से लगभग 700 के करीब बच्चे सीयू में पढ़ रहे हैं। इसके साथ ही मंडी जिला के 31 बच्चे विभिन्न रिसर्च में अपना नाम बना रहे है। जिनमें से 7 छात्राएं भी शामिल हैं।
बावा ने बताया कि टैस्ट के माध्यम से सौ प्रतिशत स्कालरशिप दी जा रही है। जिनमें फौजियों, अध्यापकों, कोविड वारियर और मीडिया प्रतिनिधियों के बच्चों के लिए भी यह प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर, लॉ, फार्मेसी, नर्सिंग और एमबीए के लिए यह टेस्ट अनिवार्य है, जबकि बाकी छात्र बिना स्कॉलरशिप एग्जाम के भी दाखिला लिया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी में विश्व स्तर का एकेडेमिक ढांचा है और जल्द ही खेलों के क्षेत्र में यूनिवर्सिटी ओलंपिक लेवल की व्यवस्था करने वाली है। उन्होंने कहा कि बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी अभिभावकों और छात्रों के लिए अच्छा विकल्प है।
पत्रकारवार्ता के दौरान यूनिवर्सिटी मे पढ़ाई के बाद अच्छा प्लेसमेंट हासिल करने वाले मंडी के अमनदीप, जोगिंद्रनगर के अभिषेक व सरकाघाट की नेहा भी मौजूद रहीं।