मंडी, 21 मार्च : जिला में फायर सीजन से निपटने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है। मंडी जिला की बात की जाए तो यहां पर 5 रेज है और विभाग ने हर रेंज स्तर पर रैपिड रिस्पांस फायर टीम का गठन कर दिया है। इस टीम में वन रक्षकों व ब्लॉक स्तर के दो अधिकारियों को शामिल किया गया है। रैपिड रिस्पांस टीम की रेंज अधिकारी की देख-रेख में कार्य करेंगे। वहीं, मंडल स्तर पर समन्वय स्थापित करने के लिए विभाग द्वारा एक टीम बनाई गई है।
वन विभाग की मानें तो आमतौर पर फायर सीजन 15 अप्रैल से 15 जुलाई तक रहता है। लेकिन इस बार अधिक गर्मी होने के चलते फायर सीजन जल्द शुरू हो होने की संभावना है। वन मंडल अधिकारी मंडी वासु डोगर ने बताया कि उन्होंने कहा कि फायर सीजन से निपटने के लिए विभाग ने पूरी तरह से तैयारियां मुकम्मल कर दी हैं। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा फायर सीजन से निपटने के लिए अतिरिक्त फायर वाचर भी नियुक्त किए जाएंगे।
वन मंडल अधिकारी ने फायर सीजन से निपटने के लिए जनता से भी सहयोग की अपील की है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि क्षेत्र में आगजनी की घटना सामने आने पर इसकी सूचना तुरंत विभाग को दें। वहीं उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति जंगल में आग लगाता हुआ पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इंडियन फॉरेस्ट एक्ट में दोषी के खिलाफ 7 साल की सजा व 25 हजार जुर्माने का प्रावधान है।
बता दें कि हर वर्ष जंगलों की आग से वन विभाग को करोड़ों रुपए का नुकसान होता है। पिछले वर्ष भी प्रदेश में फायर सीजन 1 अप्रैल से शुरू हो गया था। मंडी जिला में पिछले वर्ष 165 आगजनी की घटनाएं सामने आई थी जिसमें 1685 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गए थे।