हमीरपुर, 17 मार्च : वार्षिक परीक्षाओं का आयोजन होते ही एसएसए के प्रश्न पत्र 50 अंकों की जगह 100 अंक के आने से जहां विद्यार्थी हैरान थे। वहीं, अब टर्म- 2 की परीक्षाओं में टर्म-1 के पाठ्यक्रम से भी प्रश्न डाले जा रहे हैं। जिला में वीरवार को कक्षा सातवीं की सामाजिक अध्ययन विषय की फ़ाईनल टर्म 2 परीक्षा हुई, जिसमें टर्म-1 पाठ्यक्रम से 15 प्रश्न डाले गए थे। इससे विद्यार्थी स्तब्ध हो गए, क्योंकि टर्म- 1 की परीक्षाओं का पाठ्यक्रम टर्म 2 की परीक्षाओं में नहीं डाला जाता है।
टर्म-2 की परीक्षा के लिए जो पाठ्यक्रम तय है। उसमें से आए सवाल हल करने की तैयारी विद्यार्थी कर चुके थे, मगर टर्म 1 का पाठ्यक्रम उन्होंने नहीं दोहराया था। इस तरह विद्यार्थी इन प्रश्न-पत्रों से परेशान नज़र आए। साल भर उनको एसएसए द्वारा यही बताया जाता रहा कि टर्म-1 की परीक्षा में जो भी सवाल पूछे जा चुके हैं, उनको टर्म-2 की परीक्षा में बिलकुल नहीं डाला जाएगा। समेस्टर सिस्टम में आधे पाठ्यक्रम की परीक्षा टर्म-1 में और शेष आधे पाठ्यक्रम की परीक्षा टर्म-2 में होगी।
यह व्यवस्था कक्षा 1,2,4,6,7,9 से 12 हेतु अनिवार्य है। मगर इन नियमों का पाठ पढ़ाने वाले ही वार्षिक परीक्षा में सारे पाठ्यक्रम से पेपर्स डालने में अगर गुरेज नहीं करेंगे तो बच्चों का क्या होगा, जिनको दोहराई उसी पाठ्यक्रम से करवाई गई जो टर्म-2 के पाठ्यक्रम पर ही फोकस करते रहे। एफए 1 से 4 परीक्षाएँ लेने का क्या औचित्य है अगर वार्षिक पेपर्स मनमानी से डाले जाने हैं। यह बात टीजीटी कला संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष वीरभद्र नेगी, महासचिव विजय हीर , कोषाध्यक्ष मुकेश शर्मा जिलाध्यक्ष संजय वर्मा, सीताराम पोजटा, अमित छाबड़ा राजेन्द्र ठाकुर, विजय बरवाल, सुभाष भारती,राकेश चौधरी, रिग्ज़िन संदप, संजय चौधरी, रविन्द्र गुलेरिया, रामकृष्ण, रमेश अत्री ने कही ।
अगर हर बार वार्षिक परीक्षा में इसी तरह पूरे पाठ्यक्रम से पेपर्स सैट करने हैं तो समेस्टर सिस्टम का आडंबर खत्म करें और साल में केवल एक वार्षिक परीक्षा लें जबकि एफए 1 से 4 का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। कक्षा 3,5,8 के पेपर पहले ही पूरे पाठ्यक्रम से डाले जा रहे हैं जिससे सेमेस्टर सिस्टम का कोई वजूद नहीं बचता है। डाईट्स ने भी अगर पूरे पाठ्यक्रम से पेपर्स डालने हैं तो नई शिक्षा नीति का राग अलापना बंद किया जाए और शिक्षा विभाग अपने निर्देश भी रद्द करें, जिसमें टर्म का पाठ्यक्रम आधा तय होता है और पेपर पूरी पाठ्यक्रम से डाले जाते हैं।