नाहन, 01 मार्च: शहर के कच्चा टैंक स्थित गुप्ता ट्रेडिंग के विकास गुप्ता अपनी चौकसी के कारण 23 हजार की ठगी से बाल-बाल बचे। हालांकि, वो ठगों के खाते में एक रुपया ट्रांसफर कर चुके थे, लेकिन एक सावधानी ने उन्हें 23 हजार की ठगी से बचा लिया। दरअसल, हुआ यूं कि विकास गुप्ता को एक कॉल आई। कॉलर ने कहा कि वो आर्मी पब्लिक स्कूल से बात कर रहा है। विद्यालय को पानी की तीन टंकियों की आवश्यकता है। इसका एस्टीमेट 23 हजार रुपए बना।
काॅलर ने गुप्ता को गूगल पे करने की पेशकश की। गूगल पे पर भी गुप्ता की किस्मत अच्छी थी। इस खाते में पैसा ट्रांसफर तो किया जा सकता है, लेकिन भेजा नहीं जा सकता। इसके बाद काॅलर ने गुप्ता को क्यूआर कोड भेजने को कहा। गुप्ता ने क्यूआर कोड भी भेज दिया। पिन नंबर भी ले लिया। इसके बाद काॅलर ने गुप्ता को 23 हजार रुपए की राशि लिखने को कहा। इसी बीच गुप्ता भी काॅलर के मंसूबे को भांप चुके थे। ये ठगी महज एक क्लिक की दूरी पर थी। लेकिन गुप्ता पूरी तरह से सचेत थे। उन्होंने तुरंत ही काॅल भी काट दी। वो समझ चुके थे कि क्यू आर कोड की स्कैनिंग के खेल में 23 हजार रुपए खाते में आएंगे नहीं, बल्कि निकल जाएंगे।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से पूरा घटनाक्रम साझा करते हुए गुप्ता ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ठगी के इस तरीके में बिल्डिंग मैटीरियल बेचने वालों को टारगेट किया जा रहा है। उन्हें ऐसा भी लग रहा है कि कुछ मामलों में ठग अपने मंसूबों को पूरा करने में सफल भी हुए हैं। उनका मकसद ये है कि नाहन नहीं, बल्कि पूरे हिमाचल के दुकानदार इस तरह की काॅल से अलर्ट हो जाएं।