रोनहाट, 28 फरवरी : चौपाल विधानसभा क्षेत्र के कुपवी में सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च कर देश के भविष्य को तराशने के लिए एक गुरुकुल की स्थापना की गई। मगर बीते 18 वर्षों से विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से निर्मित इस भवन में क़ुदरत जंगल उगा रही है और सरकारी तंत्र कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है। सरकारी ख़ज़ाने पर हुक्मरानों की खुली लूट की कहानी भवन खुद बयां कर रहा है।
जनता की गाढ़ी कमाई से सरकार जो टैक्स वसूलती है, उसको भ्रष्टाचारी नेता और अधिकारी कैसे सफाचट्ट कर जाते हैं। इसकी गवाही शिमला जिला के चौपाल विधानसभा क्षेत्र के कुपवी में निर्मित गुरुकुल का ये भवन दे रहा है। वर्ष 2004 में क़रीब 22 लाख रुपए ख़र्च कर बनाए गये इस भवन में देश के भविष्य को तराशने का काम किया जाना था। मगर बीते 18 वर्षों से क़ुदरत इसमें अपना जंगल उगा रही है और सब कुछ देखकर भी सरकारी तंत्र कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है। इस भवन के खिड़कियाँ, दरवाजे, छत और गुरुकुल का हर एक कोना अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है, मगर इसकी सुध लेने वाला यहाँ कोई नहीं है।
कुपवी की समाजसेवी संस्था शार्प के युवाओं ने बताया कि गुरुकुल का भवन निर्माण कार्य पूरा होने के बाद से अभी तक किसी भी उपयोग में नहीं लाया गया है। सरकार द्वारा इस भवन पर लाखों रुपए किस उद्देश्य से खर्च किए गए ये भी कोई समझ नहीं पा रहा है। राजधानी शिमला से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस दुर्गम इलाके के लोगों ने सरकार से गुरुकुल की मरम्मत करके इसे लाइब्रेरी में तब्दील करके क्षेत्र के युवाओं को सहूलियत प्रदान करने की मांग की है और सरकारी धन का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई अमल में लाने की बात कही है।
वेसे तो प्राचीन काल से लेकर गुरुकुल को शिक्षित व नैतिक समाज का निर्माण करने के लिए पहचाना जाता है। मगर चौपाल विधानसभा क्षेत्र के कुपवी से सामने आ रही इन तस्वीरों ने गुरुकुल की परिभाषा को ही बदल कर रख दिया है। उम्मीद है कि ये देखने के बाद भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर सत्ता में आई जयराम सरकार, शिक्षा के मंदिर को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई अमल में लाएगी। दुर्गम क्षेत्र के हजारों छात्रों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए गुरुकुल के इस भवन को मरम्मत के बाद लाइब्रेरी में तब्दील करने के लिए प्रभावी कदम उठाएगी।