शिमला, 21 फरवरी : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने होटल प्रबंधन में तीन वर्षीय डिग्री वर्ष 2011 में आरंभ की थी और नए भवन के निर्माणाधीन होने के कारण 2013 के बाद इस कोर्स को स्थगित कर लिया गया था।
वर्ष 2014 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने होटल प्रबंधन की डिग्री को चार वर्ष का करने का निर्णय लिया, लेकिन बाद में 18 मार्च 2020 को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने जो देश में सभी तकनीकी शिक्षा से जुड़े मामलों पर निर्णय लेना वाली सर्वाेच्च संस्था है, मानव संसाधन मंत्रालय की स्वीकृति के साथ मार्च 2019 तक तीन वर्षीय डिग्री में प्रवेश लेने वाले छात्रों को मान्यता दे दी थी।
इस तरह से वर्ष 2019 के मार्च तक जो भी विद्यार्थी तीन वर्षीय होटल प्रबंधन के कोर्स में दाखिल हुए हैं, उन्हें चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। उसके पश्चात जो छात्र इस कोर्स को वर्तमान में कर रहे हैं, उनके लिए यह डिग्री अब चार वर्ष की होगी।
विश्वविद्यालय में पर्यटन विभाग के निदेशक डॉ चन्द्र मोहन परशीरा ने बताया कि उनके संस्थान ने चार वर्ष के पाठ्यक्रम को तैयार कर लिया है तथा आने वाले सत्र से होटल प्रबंधन का कोर्स चार वर्ष का ही किया जायेगा। उनके अनुसार क्यूंकि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् के नोटिस के बाद जिन भी छात्रों का दाखिला हुआ है वे अभी भी संस्थान में ही हैं, जिस कारण किसी भी छात्र की डिग्री प्रभावित नहीं होगी। इन छात्रों को अब एक वर्ष और अपने संस्थान में रहना पड़ेगा जिसमे छह महीने की इंटर्नशिप करनी होगी और बाकि के छह महीने कक्षाओं में पढ़ना पड़ेगा।
विश्विद्यालय के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि पिछले कुछ दिनों से समाचार पत्रों में भ्रामक जानकारियां आ रही हैं जिनका विश्विद्यालय खंडन करता है और भविष्य में ऐसे किसी भी समाचार के विरोध में उचित क़ानूनी सलाह ले कर कार्यवाही की जाएगी।