शिमला, 12 फरवरी : हिमाचल करुणामूलक संघ की राजधानी शिमला में चल रही क्रमिक भूख हड़ताल के 198 दिन पुरे हो चुके हैं। प्रदेश के इतिहास में संभवतः पहली बार हो रहा है, जो कोई वर्ग इतने लम्बे समय से भूख हड़ताल पर बैठा हो। करुणामूलक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने शनिवार को कहा कि जैसे ही करुणामूलक संघ 200 दिन क्रमिक भूख हड़ताल के पुरे कर लेगा, उस दिन प्रदेश भर के करुणामूलक आश्रित जल शक्ति मंत्री की सदबुधि के लिए हवन करेंगे, ताकि इस हवन के बाद सरकार व मन्त्री विशेष करुणामूलक परिवारों के हित में फैसला लें।
उनका कहना है कि इस संघर्ष में अभी तक सरकार का कोई भी नुमाइंदा करुणामूलक आश्रितों से मिलने नही आया न ही सुध बुध ली, जबकि वर्ष 2017 में सता में बिठाने के लिए करुणामूलक परिवारों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमन्त्री चुनाव प्रचार के लिए अगर पड़ोसी राज्यों में जा सकते हैं, तो करुणामूलक परिवारों से मिलने क्यों नहीं आ सकते, जबकि करुणामूलक आश्रित राजधानी शिमला में मुख्यमन्त्री आवास से कुछ ही दूरी पर कालीबाड़ी के पास बर्षाशालिका में बैठे है। उन्होंने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री को करुणामूलक संघ की भूख हड़ताल का मंच सात महीनों में एक बार भी नहीं दिखा।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार 14 फरवरी को होने जा रही कैबिनेट बैैठक में करुणामूलक परिवारों के लिए कोई कदम नहीं उठाएगी, तो करुणामूलक संघ प्रदेश सरकार के हर मंत्री की सदबुधि के लिए हवन करवाएगा, और संघ द्वारा एक हफ्ते में दो हवन पाठ करवाए जायेंगे। उन्होंने कहा कि संघ की मुख्य मांगों में समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों में लंबित पड़े करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नोकरियों में तृतीय श्रेणी के मामलों को आगामी कैबिनेट में लाया जाए व उनको छठे वेतन आयोग से पहले वन टाइम सैटलमेंट के तहत सभी को एक साथ नियुक्तियाँ दी जाएं।