नाहन, 13 फरवरी : महाबली द ग्रेट खली’ (The great khali) राजनीति के अखाड़े में उतर चुके हैं, लिहाजा उनके पैतृक क्षेत्र के राजनीतिक हलके में खलबली (Excitement) मची हुई है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या महाबली हिमाचल में शिलाई विधानसभा क्षेत्र से 2022 का विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2022) लड़ेंगे या नहीं।
यह निर्वाचन क्षेत्र इस कारण भी चर्चा में रहता है, क्योंकि शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव सिंह तोमर की सूबे के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Jai Ram thakur) से खांसी जुगलबंदी है। नजरे इस बात पर भी टिकी हुई है कि यदि खली चुनाव लड़ने को तैयार हो जाते है तो सीएम जयराम ठाकुर को टिकट आबंटन में अपने दोस्त की बलि देनी पड़ेगी।
यह भी बताया जाता है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की पत्नी पूर्व विधायक की ‘God Sister’ हैं। कुछ अरसा पहले मुख्यमंत्री के साथ तोमर का परिवार भी दक्षिण भारत (South India) में मंदिरों के दर्शन के लिए गया था।
दिलचस्प बात यह है कि खली (Dilip singh rana) का पैतृक क्षेत्र नैनीधार भी शिलाई विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है। हर कोई इस सवाल के जवाब को तलाश रहा है कि क्या विधानसभा चुनाव के टिकट आबंटन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अपने करीबी दोस्त का टिकट काटना पड़ेगा। यह अलग बात है कि महाबली द ग्रेट खली ने शिलाई से चुनाव लड़ने के कोई भी संकेत अब तक नहीं दिए है, लेकिन राजनीति में सब कुछ मुमकिन होता है।
उल्लेखनीय यह भी है कि पूर्व विधायक बलदेव तोमर से करीबी की वजह से ही जयराम ठाकुर ने सीएम बनने के बाद उन्हें हिमाचल प्रदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम उपाध्यक्ष का अहम ओहदा सौंपा था। हाल ही में इस विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस (congress) के वरिष्ठ नेता व विधायक हर्षवर्धन चौहान ने भ्रष्टाचार (corruption) को लेकर कई संगीन आरोप (Allegation) जड़े थे। वह खुद ही बीडीओ कार्यालय में घुस कर भ्रष्टाचार से जुड़ी फाइलों को खंगालते हुए भी नजर आए थे।
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बता दें कि चंद रोज पहले ही सरकार ने बीडीओ कार्यालय में कथित अनियमितताओं को लेकर खंड विकास अधिकारी के स्थानांतरण के आदेश भी जारी किए।
चूंकि पूर्व विधायक तोमर की मुख्यमंत्री से नजदीकियां हैं। लिहाजा चंद सप्ताह पहले ही मुख्यमंत्री ने इस विधानसभा क्षेत्र में घोषणाओं का ऐसा अंबार लगाया कि जिसे देखकर हर कोई आश्चर्य (surprised) चकित रह गया। शायद ही राज्य के किसी विधानसभा क्षेत्र में ऐसा पहले हुआ हो कि जब डीएसपी के साथ-साथ एसडीएम ऑफिस व अन्य कई बड़ी घोषणाएं एक साथ की गई हो।
ये साफ जाहिर है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने दोस्त के लिए 2022 के विधानसभा चुनाव को तैयार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे थे कि अचानक ही खली की बीजेपी में एंट्री हो गई। उधर, एक तर्क ये भी है कि भाजपा ने पंजाब चुनाव (punjab election 2022) के मद्देनजर खली की एंट्री करवाई है। मगर इस बात को भी ख़ारिज नहीं किया जा सकता है कि 2022 के चुनाव की दहलीज पर भी बीजेपी पहुंच गई है।
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इसमें कोई दो राय नहीं है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में सरकार को एंटी इंकम्बेंसी (Anti-incumbency) फैक्टर का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में नए चेहरे पार्टी के लिए काफी सार्थक साबित हो सकते हैं। ये भी तय है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में इस निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस भाजपा की सीधी टक्कर होगी।
हालांकि शिलाई के पड़ौसी निर्वाचन क्षेत्र के विधायक सुखराम चौधरी इस समय सरकार में ऊर्जा मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे है, लेकिन सीएम जयराम ठाकुर अपने दोस्त की समय रहते ही चुनाव से पहले मदद करने की कोशिश में है। कुल मिलाकर खली के चुनावी दंगल में उतरने से मुकाबला रोचक हो सकता है।