संगड़ाह, 11 फरवरी : श्री रेणुका जी विकास बोर्ड के द्वारा लगाया गया सेल्फी प्वाइंट “I Love Renuka” लोगों को पसंद नहीं आ रहा है। सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। लोगों का कहना है कि मां रेणुका जी पवित्र धार्मिक स्थल है और भगवान परशुराम की जन्मभूमि है। हर साल हजारों श्रद्धालु आस्था के चलते यहां पहुंचते हैं। धार्मिक स्थल का अधूरा नाम लोगों की आस्था के साथ मजाक साबित हो रहा है।
हिन्दू जागरण मंच ने श्री रेणुका जी में लगाए गए बोर्ड की शब्दावली पर एतराज जताया है। मंच के प्रदेश सचिव मानव शर्मा ने प्रशासन से अनुरोध है कि नाम के साथ ‘श्री’ व ‘जी’ शब्द का प्रयोग किया जाए। हिंदू जागरण मंच जिला युवा अध्यक्ष अरुण शर्मा ने कहा कि सौंदर्यीकरण करना अच्छी बात है पर उसके साथ हमें अपनी आस्था को भी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि पवित्र स्थल के नाम के साथ श्री व जी प्रयोग किया जाए अन्यथा हिंदू जागरण मंच उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
गौरतलब है कि हाल ही में गुरु की नगरी पांवटा साहिब में भी सेल्फी प्वाइंट लगाया गया था, जिसको भी अधूरी शब्दावली का प्रयोग किया गया था। स्थानीय लोगों के एतराज के बाद इसे दुरुस्त कर दिया गया।
झील की खास बातें…
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर मुख्यालय नाहन से करीब 40 किलोमीटर दूर यह झील पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बिंदु बनती है। समुद्रतल से लगभग 672 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस झील की परिधि 3214 मीटर है। राज्य में सबसे बड़ी प्राकृतिक झील होने का दर्जा प्राप्त है।
ऐसी भी धारणा है कि रेणुका झील भगवान परशुराम की माता रेणुका देवी का अवतार है, जो ग्रंथों के मुताबिक ऋषि जमदग्नि की पत्नी है।