चंडीगढ़, 10 फरवरी: सिटी ब्यूटीफुल में ट्रैफिक पुलिस की सख्ती के किस्से तो खूब सुने होंगे। शहर में दाखिल होते ही चालक को सीट बेल्ट याद आती है तो दुपहिया वाहन हेलमेट नहीं भूलते। साथ ही ओवर स्पीडिंग का भी आम व्यक्ति सोचता तक नहीं है। लेकिन शायद आपने पहली बार सुना होगा कि ट्रैफिक पुलिस ऊंट का चालान भी कर सकती है।
सुखना लेक के किनारे दो ऊंटों पर कार्रवाई हुई है। इन ऊंटों पर पर्यटक सवारी का आनंद लेते आए हैं। लेकिन अब ऊंट पर सवारी नहीं होगी, क्योंकि मालिकों का चालान काटकर इन्हें यहां से ले जाने की हिदायत दी गई है।
दैनिक जागरण में छपी एक खबर के मुताबिक चंडीगढ़ प्रशासन ने ये कार्रवाई पशु अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अमल में लाई है। इस विंग के निरीक्षक बुधवार को टीम सहित सुखना लेक पर पहुंचे थे। ये पाया गया कि ऊंट मालिकों द्वारा इन्हें एक्ट 2015 की धारा-5 व उपधारा-2 का उल्लंघन कर राजस्थान से लाया गया है।
टीम ने पाया कि जानवरों के साथ क्रूरता नियम 1973 की धारा-6 का भी उल्लंघन हुआ है। ये भी तर्क दिया गया कि शहर का वातावरण ऊंटों के अनुकूल नहीं है। जांच में ये भी पाया गया कि ऊंट की सवारी का कोई भी लाइसेंस नहीं था। संबंधित विभाग में रजिस्ट्रेशन तक भी नहीं था। ऊंटों का पीसीए अधिनियम 1960 के तहत चालान काटा गया।
जानकारी के मुताबिक ऊंट सुखना लेक की एंट्री प्वाइंट पर खड़े होते थे। मालिक दिन के वक्त इन्हें लाकर खड़ा कर देते थे। मालिकों का डेरा साथ लगते मसौल गांव में है।