सोलन, 31 जनवरी : फर्जी साइन कर प्रदूषण बोर्ड की जाली एनओसी देने पर बद्दी पुलिस ने एक कंसलटेंट के खिलाफ मामला दर्ज किया है। प्रदूषण बोर्ड व जल व वायु के प्रदूषण की रोकथाम के लिए 1981 अधिनियम के प्रावधानों के तहत आवश्यक अनुमति जारी करने के लिए ओसीएमएमएस के नाम से एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया है।
दस्तावेजों को डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित कर बेवसाइट पर अपलोड़ कर दिया जाता है। बद्दी के भटोली कलां में एक दवाई की कंपनी हाईजिन एयरटेक इंडिया ने प्रदूषण बोर्ड की एनओसी लेने के लिए 20 जनवरी को इस पर आवेदन किया। जांच में पाया गया कि अभी इसे स्वीकृति नहीं मिली है, लेकिन कंपनी के प्रतिनिधि के दस्तावेजों के अनुसार एनओसी दी जा चुकी है, जिसका कंपनी ने प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया।
एनओसी जारी करने की तिथि भी 20 जनवरी दर्शाई गई है। आवेदन जमा करने व एनओसी देने की तिथि एक ही थी। लेकिन वास्तव में अभी तक प्रदूषण बोर्ड ने कंपनी को कोई परमिशन नहीं दी है।
जब इस बारे पड़ताल करने के लिए प्रदूषण बोर्ड ने फोन पर कंपनी से संपर्क किया तो कंपनी के एमडी राजेंद्र सिंह ने उन्हें बताया कि एनओसी लेने के लिए उन्होंने आकाश कंसलटंसी को कार्य दिया था। कंसलटेट ने कंपनी से इसकी एवज में 50 हजार रुपये की मांग की थी और उसने ही कंपनी को एनओसी उपलब्ध कराई है।
डीेएसपी नवदीप सिंह ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने आकाश कंसलटेंसी के संचालक के खिलाफ धारा 420, 467,468 व 471 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।