मंडी (वी. कुमार) : सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य प्रदेश सरकार की तीन प्रमुख प्राथमिकताएं हैं। यही कारण है कि प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उनके घर द्वार के समीप उपलब्ध करवाने के लिए के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। राज्य के दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है ताकि लोगों को अपना ईलाज करवाने के लिए घर से दूर न जाना पड़े। सीएमओ मंडी डा. देश राज शर्मा ने बताया कि वर्तमान सरकार के तीन साल के कार्यकाल में मंडी जिला में 30 चिकित्सा अधिकारियों, 85 पैरामैडिकल तथा 19 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई हैं। जिला में 2 नए स्वास्थ्य उप केन्द्र तथा 14 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले गए, जबकि 4 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को सामुदायिक तथा 2 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को नागरिक चिकित्सालय में स्तरोन्नत किया गया है।
क्षेत्रीय अस्पताल मण्डी में डायलीसिस सैंटर की शुरूआत की गई है जबकि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य अस्पताल खोला जा रहा है। स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना के साथ ही ग्रामीण स्तर पर विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने की दिशा में भी सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। गत तीन वर्षो के दौरान जिला के दुर्गम व ग्रामीण क्षेत्रों में 15 निशुल्क बहुविशेषज्ञ चिकित्सा शिविर आयोजित किए गए जिनमें 3,205 लोगों की स्वास्थ्य जांच करने के साथ ही 1,474 रोगियों के ऑपरेशन किये गए। स्वास्थ्य विभाग में आधारभूत ढांचा विकसित करने को भी प्राथमिकता प्रदान की जा रही है। जिला में 523 स्वास्थ्य संस्थानों के भवनों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है तथा 79 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जिला में निम्न कन्या शिशु दर को ध्यान में रखते हुए मेरी लाडली कार्यक्रम जिला प्रशासन व अन्य विभागों के सहयोग से चलाया जा रहा है। कार्यक्रम के तहत बेटी पैदा होने पर जिला प्रशासन द्वारा घर पर जाकर परिजनों को बधाई दी जा रही है। प्रदेश सरकार के इन प्रयासों के बेहतर परिणाम भी सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के साथ ही संस्थानों के सुदृढिकरण में भी इससे मदद मिली है। क्षेत्रीय अस्पताल मंडी को कायाकल्प कार्यक्रम के तहत प्रदेश में दूसरा पुरस्कार प्राप्त हुआ है।