शिमला, 11 जनवरी : 30 साल के पवन ने न ही इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (Electrical Engineering) की है और न ही कोई डिप्लोमा। केवल 8वीं में पढ़ाई के दौरान बिजली पैदा करने का एक ख्वाब देखा था। पुजारली पंचायत 4 के बाशिंदे पवन ने हाल ही में अपने इस सपने को साकार कर दिया घर से करीब 60 मीटर की दूरी पर एक नाले में पानी व्यर्थ ही बह जाता था। मात्र 1000 रुपए के खर्च से दो मोटरों का इंतजाम किया। साइकिल के टायर व नकारा चीजों से एक मिनी पावर प्रोजेक्ट (Mini Power Project) का निर्माण (Built) कर दिया। घर तक बिजली ले जाने के लिए तार बिछाई।
यकीन कीजिए, पवन को इस मिनी पावर प्रोजेक्ट से रोजाना 200 वाट (200 Watt) बिजली मिल रही है। चूंकि पवन के पास इतना धन नहीं है कि पैदा हो रही बिजली का भंडारण (power storage) कर सके, मगर वो इस बात से भी सहमत है कि पैदा हो रही बिजली का भंडारण किया जा सकता है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से लंबी बातचीत के दौरान पवन ने कहा कि इस नाले में इतना पानी उपलब्ध है कि चार-पांच घरों को रोशन किया जा सकता है। पेशे से इलैक्ट्रिशियन (Electrician) का काम करने वाले पवन का कहना है कि यदि 30 से 40 हजार रुपए उपलब्ध हों तो वो अपने इस मिनी प्रोजेक्ट को और बेहतरीन (Superfine) बना सकता है।
बता दें कि डैम से उत्पादित बिजली का सीधे ही घरेलू इस्तेमाल (Domestic Use) नहीं किया जा सकता, इसके लिए बिजली को डीसी से एसी (DC to AC) में कन्वर्ट (Convert) करना पड़ता है। रोचक है कि पवन ने ये जुगाड़ भी किया हुआ है। एक सवाल के जवाब में पवन ने कहा कि 18 वाट बिजली उपलब्ध होती है, जो कन्वर्ट होने के बाद 200 से 240 वाट तक होती है। उनका कहना था कि पत्थरों को जोड़कर टरबाइन (Turbine) बनाया गया है। टरबाइन के लिए साइकिल के टायर का भी इस्तेमाल किया गया है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में पवन ने कहा कि वो जब चाहें इस प्रोजेक्ट को खोलकर मरम्मत के लिए घर भी ले आते हैं। इससे उपलब्ध हो रही बिजली से टीवी भी चल जाता है। साथ ही 5 से 10 एलईडी बल्ब भी जलते हैं। उन्होंने कहा कि मात्र हजार रुपए का खर्च ही हुआ है। उनका कहना था कि उत्पादन के बाद घर पर बिजली का सीधा इस्तेमाल हो रहा है।
ये भी अहम…
हिमाचल प्रदेश की विद्युत परियोजनाओं (Power Projects) में सर्दियों के दौरान नदियों का जलस्तर कम होने के कारण उत्पादन (Production )घट जाता है। अक्सर ही पहाड़ी प्रदेश को पड़ोसी राज्यों से सर्दियों में बिजली का कोटा वापस लेना पड़़ता है। लेकिन यहां तो पवन सर्दियों में ही मजे से घर बैठे ही 200 से 240 वाॅट बिजली मिल रही है, वो भी महज 1000 रुपए के खर्चे पर। अब केवल पवन का ये सपना बचा है कि वो इतनी बिजली पैदा कर लें कि घर हर वक्त जगमगाता रहे। साथ ही उत्पादित सरप्लस बिजली का भंडारण भी कर ले, ताकि आवश्यकतानुसार ही बिजली का इस्तेमाल किया जा सके।