मंडी (वी कुमार) : हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी स्थित नेरचौक में ईएसआईसी मेडीकल कॉलेज राजनीति का शिकार हो रहा है। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद रामस्वरुप शर्मा ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि 2009 में श्रम विभाग द्वारा इस मेडीकल कॉलेज एवं अस्पताल के निर्माण की घोषणा हुई थी तथा इस पर एक हजार करोड़ रुपए खर्च करके मेडीकल कॉलेज के संचालन हेतु भवन का निर्माण पूरा कर लिया गया है। पिछले कुछ वर्षों से मेडीकल कॉलेज नहीं चल पाया तथा यह राजनीति का शिकार बन चुका है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में निर्माणाधीन मेडीकल कॉलेज के कार्य को पूरा करने के लिए 280 करोड़ रुपए जारी किए थे और इसे हिमाचल सरकार को स्थानांतरित कर दिया था। 280 करोड़ रुपए की एवज में ईएसआईसी ने ब्याज की मांग कर रहा है, जिसे देना हिमाचल सरकार के बस में नहीं है। सरकार यह सुनिश्चित करे कि इसे ईएसआईसी चलाए या फिर हिमाचल सरकार को देना है तो उसकी वित्तीय दुर्दशा को देखते हुए कोई दूसरा उपाय खोजना चाहिए। ईएसआईसी इस कॉलेज को चलाती है तो उन्हें नॉ लॉस नो प्रॉफिट पर चलाना होगा तथा सालाना संचालन के लिए 75 से 80 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।
हिमाचल सरकार अपनी वित्तीय दुर्दशा के कारण इस ऋण पर ब्याज देने में असमर्थ है तथा प्रदेश सरकार यह तर्क देती है कि ऋण पर ब्याज माफ कर दिया जाए तो हिमाचल सरकार मेडीकल कॉलेज को आरंभ कर देगी। यह मामला प्रदेश में राजनैतिक मुद्दा बनता जा रहा है तथा हिमाचल सरकार जानबूझ कर इस मामले को लटकाना चाहती है। प्रदेश के सीमित वित्तीय संसाधनों को देखते हुए इस मामले को अति शीघ्र सुलझाया जाए, ताकि इस मेडीकल कॉलेज व अस्पताल को सुचारु रुप से प्रारंभ किया जा सके।