धर्मशाला, 28 दिसंबर : हिमाचल प्रदेश को विजय हजारे ट्रॉफी जिताने में टीम के कप्तान ऋषि धवन ने अहम भूमिका निभाई। ऋषि धवन ने फाइनल में भी 42 रन बनाकर 3 विकेट झटके। वही, सेमीफाइनल में भी 84 रनों की पारी और 4 विकेट की बदौलत ही हिमाचल में फाइनल में प्रवेश किया था। ऋषि धवन ने विजय हजारे ट्रॉफी टूर्नामेंट में गजब का प्रदर्शन किया। उन्होंने 458 रन बनाकर 17 विकेट भी झटके जिसमें 5 अर्धशतकीय पारी शामिल थी। 91 रन उनका नाबाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
ऋषि धवन के इस शानदार प्रदर्शन के बाद एक बार फिर यह उम्मीद जगी है कि उनकी भारतीय टीम में वापसी हो सकती है। यह बात तो तय है कि बीसीसीआई सिलेक्टर उनकी परफॉर्मेंस को बारीकी से निहार रहे होंगे, क्योंकि भारतीय टीम को एक फास्ट बॉलर ऑलराउंडर की जरूरत है। ऐसे में ऋषि धवन यह काम बखूबी निभा सकते हैं। उधर, हाल ही के मैचों में हार्दिक पंड्या की परफॉर्मेंस भी कुछ खास नहीं रही, ऐसे में टीम एक अन्य ऑलराउंडर का विकल्प ढूंढ रही है। इसमें वेंकटेश अय्यर को भी आजमाया जा रहा है।
बता दे 17 जनवरी 2016 को ऋषि धवन ने अपना इंटरनेशनल डेब्यु मैच खेला था। यह मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला गया था। उस समय भी उन्होंने टीम में एक अच्छे ऑलराउंडर की भूमिका निभाई थी। ऋषि धवन ने 2016-17 में आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया था, लिहाजा उन्हें जिंबाब्वे टूर पर टी 20 श्रृंखला में टीम में जगह दी गई। इसके बाद ऋषि धवन के कैरियर में उतार-चढ़ाव आते रहे, जिस कारण उन्होंने टीम इंडिया से अपनी जगह खो दी। 2017 के बाद उन्होंने को इंटरनेशनल मैच नहीं खेला है।
धवन हिमाचल के लिए लगातार डोमेस्टिक क्रिकेट खेलते रहे। 2018-2019 में रणजी ट्रॉफी में वह हाईएस्ट रन स्कोरर भी रह चुके हैं। हिमाचल प्रदेश के लिए ऋषि धवन ने हर टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया है। विजय हजारे ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद एक बार फिर उम्मीद जग गई है कि उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका दिया जा सकता है।
ऋषि धवन इंडियन प्रीमियर लीग भी खेल चुके हैं। अपने पूरे कैरियर में वह मुंबई इंडियंस, कोलकाता नाइट राइडर्स और किंग्स इलेवन पंजाब जो कि अब पंजाब किंग्स के नाम से जानी जाती है के लिए खेल चुके हैं।
आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी सिलेक्ट किया गया था। इसके बाद उनकी फॉर्म में काफी गिरावट आई और उन्हें आईपीएल में भी जगह नहीं मिली। पिछले 4 सालों से वह आईपीएल भी नहीं खेल रहे हैं। लिहाजा विजय हजारे ट्रॉफी के अच्छे प्रदर्शन के बाद उम्मीद की जानी चाहिए कि उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका मिले साथ ही आईपीएल में भी खेलते नजर आए।