ऊना (रेखा ठाकुर): भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी ऊना में दम तोड़ता नजर आ रहा है। ऊना के दो हॉकी खिलाड़ी अंतराष्ट्रीय स्तर तक अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुका है। बावजूद इसके जिला में पिछले आठ वर्ष से हॉकी कोच उपलब्ध नही हो पाया है। ऐसे में हॉकी की नर्सरी कैसे तैयार होगी, यह एक चिंता का विषय है। उधर, खेलों को बढ़ावा देने के सरकारी दावे भी ऊना में हवाई साबित हो रहे हैं। खेल विभाग के अधिकारी हॉकी कोच की जल्द नियुक्ति के दावे तो कर रहे हैं, लेकिन इन दावों का कब अमलीजामा पहनाया जाएगा, इसका इंतजार खिलाडिय़ों को भी है।
जिला ऊना ने देश को हॉकी के दो स्टार खिलाडी पदम श्री चरणजीत सिंह और अर्जुन अवार्डी दीपक ठाकुर दिए हैं। ऐसे में ऊना को हॉकी की नर्सरी कहा जाता है। लेकिन जिला में कोच न होने के चलते खेल विभाग हॉकी को हाशिए पर धकेल रहा है। जिला ऊना से हाकी के अंतराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करने के लिए सरकार ने पांच करोड रुपए खर्च कर एस्ट्रो टर्फ मैदान तो तैयार कर दिया है, लेकिन खिलाडियों को हॉकी के गुर कौन सिखाएगा?
खेल विभाग लंबे अरसे से जिला कोच की तैनाती के दावे तो कर रहा है, लेकिन उन दावों पर आठ वर्ष बीत जाने के बाद भी अमल नहीं हो पाया है। टर्फ व साधारण मैदान पर हॉकी खेलने का तरीका बिल्कुल अलग है। अत: बिना कोच के खिलाडियों को एस्ट्रो टर्फ पर खेलने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खिलाडियों को ड्रैग स्लिप, पैनल्टी कार्नर तथा ड्रिबलिंग का बेहतर प्रशिक्षण एनआईएस मान्यता प्राप्त कोच ही दे सकता है, लेकिन जिला में ऐसे किसी भी कोच की व्यवस्था नहीं की गई है। इसी कारण ऊना के हॉकी खिलाडिय़ों को विशेष टिप्स लेेने के लिए भारी भरकम पैसा खर्च कर अन्य राज्यों का रूख करना पड़ रहा है।
एकलव्य की राह पर चल रहे ऊना खिलाड़ी
अक्सर कहा जाता है कि बिना गुरू ज्ञान नहीं होता है। लेकिन जिला ऊना के हॉकी खिलाडिय़ों ने वर्षो से चली आ रही इस कहावत के मायने बदल दिए है। पिछले 8 वर्षो से कोच के बिना ही हॉकी खेल रहे खिलाडियों का राज्य और जिलास्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन रहता है। इसका उदाहरण वीरवार को संपन्न हुई छठीं मेजर ध्यान चंद राज्य स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता में देखने को मिला। प्रतियोगिता में ऊना के खिलाडिय़ों ने सभी मुकाबले जीत कर विजेता का खिताब अपने नाम किया। मानो ऊना के खिलाड़ी महाभारत काल के एकलव्य की तरह प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
क्या कहते हॉकी संघ के महासचिव?
जिला हॉकी संघ के महासचिव परमजीत सिंह लक्की ने कहा कि जिला में अन्य खेलों के मुकाबले हॉकी का अधिक क्रेज है। लेकिन वर्ष 2007 के बाद से ऊना में हॉकी कोच न होने के कारण खिलाडिय़ों को खासी परेशानी पेश आती है। उन्होंने सरकार जिला में जल्द ही हॉकी कोच की तैनाती मांगी है।
क्या कहते है खेल सचिव?
खेल सचिव ओंकार शर्मा ने माना कि पूरे प्रदेश में इस समय कोचों की कमी चल रही है। इसे लेकर विभाग और प्रदेश सरकार संजीदा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 40 कोचों की तैनाती को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही ऊना में हॉकी कोच में उपलब्ध हो पाएगा।