ऊना, 28 नवंबर : प्रदेश के शिमला से शुरू हुई आरक्षण की शव यात्रा हरिद्वार में संपन्न होने के बाद हरिद्वार से वापस हिमाचल के लिए शुरू हुई स्वर्ण अधिकार यात्रा का रविवार को हिमाचल प्रदेश पहुंचने पर प्रवेश द्वार मैहतपुर में भव्य स्वागत किया गया। देवभूमि क्षत्रिय संगठन द्वारा धर्मशाला के विधानसभा परिसर तक निकाली जाने वाली इसे स्वर्ण अधिकार यात्रा में सैकड़ों स्वर्ण समाज के लोग सम्मिलित हुए।
वही स्वर्ण समाज की दर्जनों संस्थाओं ने प्रदेश के प्रवेश द्वार में इस यात्रा का ढोल नगाड़ों की थाप के बीच भव्य स्वागत किया। जोरदार नारेबाजी के बीच स्वर्ण आयोग की मांग एक बार फिर जोर पकड़ती हुई दिखाई दी। वही यात्रा के पहुंचने से ठीक पहले जिला प्रशासन और पुलिस ने गहन मंत्रणा के बाद धारा 144 लागू करने का ऐलान किया।
शनिवार शाम दलित संगठनों द्वारा यात्रा के विरोध की चेतावनी के बाद प्रशासन द्वारा यह फैसला लिया गया था। हालांकि इस यात्रा का रूट भी बदलने के निर्देश जारी किए गए। लेकिन स्वर्ण संगठनों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से यात्रा के संचालन का हवाला देते हुए उसे पूर्ववर्ती रुट पर ले जाया गया। वहीं प्रदेश के प्रवेश द्वार में हिमाचल आने वाली हर गाड़ी की पुलिस विभाग द्वारा सघन जांच की गई। कुल मिलाकर पुलिस और प्रशासन किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तरह हर मोर्चे पर मुस्तैद दिखाई दिए।
स्वर्ण संगठनों द्वारा हरिद्वार से शुरू की गई स्वर्ण अधिकार यात्रा का रविवार को हिमाचल प्रदेश पहुंचने पर प्रवेश द्वार कस्बा मैहतपुर में जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान स्वर्ण समाज की दर्जनों संस्थाओं के सैकड़ों कार्यकर्ता यात्रा की अगवानी के लिए प्रदेश की सीमा पर जुटे रहे। यात्रा के हिमाचल पहुंचने से ठीक पूर्व जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा दलित समाज की यात्रा का विरोध करने की चेतावनी और स्वर्ण संगठनों के यात्रा पर अडिग रहने के फैसले के मद्देनजर पैदा हुए तनाव के चलते धारा 144 लागू की गई।
जिसके चलते जिला के प्रमुख मार्गों पर पुलिस बल का काफी पहरा रहा। जिला में चल रहे राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के प्रवास के चलते भी पुलिस और प्रशासन इस यात्रा को हल्के में लेने से बचते दिखाई दिए। प्रशासन द्वारा धारा 144 लागू करने के साथ ही कुछ जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किए गए जिसके तहत यात्रा का रूट बदलने का निर्देश सबसे प्रमुख रहा। हालांकि प्रशासन द्वारा यात्रा को नहीं रोके जाने की बात भी कही गई थी। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के तमाम प्रवेश द्वारों पर वाहनों की सघन जांच के बाद ही उन्हें हिमाचल प्रदेश में प्रवेश दिया गया।
हिमाचल प्रदेश में स्वर्ण अधिकार यात्रा के प्रवेश करते ही जोरदार नारेबाजी के बीच एक बार फिर स्वर्ण आयोग की मांग जोर पकड़ती हुई दिखाई दी। वही स्वर्ण संगठनों ने 10 दिसंबर को धर्मशाला में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान भी इस मांग को जोरदार तरीके से उठाने का ऐलान किया। यात्रा की अगुवाई कर रहे रूमा सिंह राजपूत ने कहा कि स्वर्ण अधिकार यात्रा किसी भी धमकी से डरकर बंद नहीं की जाएगी। सवर्णों का अधिकार उन्हें दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। धर्मशाला में 10 दिसंबर को गंगाजल से विधायकों का शुद्धिकरण किया जाएगा जिसके लिए हरिद्वार से पर्याप्त मात्रा में गंगा जल लाया गया है।