राजेश कुमार: बीती 7 अप्रैल को उद्योगपति सुबोध अब्बी को स्टोन क्रशर माफिया अनिल शर्मा द्वारा एसडीएम कार्यालय में धमकी देने की जन एकता पार्टी, सिरमौर विचार मंच, सिरमौर उपभोक्ता संरक्षण समिति सहित कई अन्य संस्थाओं ने कडी निन्दा की है साथ ही प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से मामले को गंभीरता से लेने की अपील की है। उल्लेखनीय है कि पांवटा साहिब के बातामंडी के समीप खनन माफिया द्वारा स्टोन क्रशर लगाए जाने की योजना चल रही है। सुबोध अब्बी व स्थानीय लोगों ने इस बारे ऐतराज जाहिर किया था क्योंकि एसडीएम कार्यालय पांवटा साहिब व अन्य संबधित विभागों द्वारा बातामंडी में माईनिंग लीज व स्टोन क्रशर लगाने सम्बन्धी सिफारिश सही नहीं थी। इस सिफारिश के अनुसार सभी नियमों को दरकिनार किया गया था इस सम्बन्ध में सुबोध अब्बी ने एक पत्र एसडीएम पांवटा को लिखा था जिसमें हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का भी हवाला दिया गया था बजाय एसडीएम पांवटा इस पत्र पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया के सुबोध अब्बी की बैठक स्टोन माफियाओं से अपने कार्यालय में करवाते है। इसी दौरान स्टोन क्रशर माफिया अनिल शर्मा द्वारा सुबोध अब्बी को सरेआम धमकी दी जाती है। एक अधिकारी के सामने यह सब हुआ लेकिन किसी भी प्रकार की कारवाई माफिया के खिलाफ प्रशासन नहीं कर रहा है जिससे यह भी संदेह जताया जा रहा है कि पांवटा प्रशासन स्थानीय विधायक की छत्रछाया में माफियाओं को शय दे रहा है। इतना ही नहीं सुबोध अब्बी के संबधियों को भी माफियाओं द्वारा धमकियां मिल रही है और जब इस बारे में एसडीएम पांवटा से बुद्धिजीवी वर्ग मिलने पहुंचा तो जनाब ने इसका जवाब देना सही नहीं समझा। इस घटनाक्रम से साफ जाहिर है कि जुर्म के खिलाफ लडने वाले लोगों को सरेआम धमकियां दी जा रही है और उन पर कोई कारवाई नहीं की जा रही है। इससे तो लगता है कि शांतप्रिय हिमाचल का वहीं हाल होना तय है जो खौफ अन्य राज्यों में माफियाओं का है। इसके लिए सीधे तौर पर जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार जिम्मेवार है।
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