सुंदरनगर (नितेश सैनी): प्रदेश भर में जहां पीलिया के प्रकोप से अभी तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं पीलिया की चपेट में आए मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिससे प्रदेश भर की जनता में दहशत का माहौल है। दूसरी तरफ बल्ह घाटी में पीलिया के प्रकोप से बचने को लेकर प्रशासन का रवैया लचर नजर आ रहा है।
बल्ह घाटी के नेरचौक कस्बे में पीलिया से बचाव के लिए विभागीय प्रबंध शून्य नजर आ रहे हैं। लोगों का आरोप है कि जहां एक ओर प्रदेश भर में पेयजल पाईपों को सीवरेज लाईनों व गंदे नालों से हटा कर अलग किया जा रहा है। वहीं नेरचौक व आस-पास के कुछ क्षेत्रों में पेयजल पाईपें गंदे नालों से गुजर रही है। इससे आने वाले समय में पीलिया जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में बल्ह घाटी की जनता भी आ सकती है।
स्थानीय लोगों अमृत पाल सिंह, राजेंद्र गुप्ता, वीरेंद्र, सुभाष, राकेश, लिबली, सिद्धांत, राजेंद्र सेन, त्रिभुवन सिंह, गंगवीर राणा, लतेश ठाकुर आदि ने प्रशासन सहित स्वास्थ्य व सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया है कि पेयजल पाईपों को गंदे नालों से हटा उचित जगह पर स्थानांतरित कर पुख्ता प्रबंध किए जाएं। ताकि पीलिया जैसी गंभीर एवं भंयकर बीमारी के प्रकोप से बचा जा सके।
उधर इस मामले में आईपीएच विभाग के एक्सईएन नरेंद्र परमार का कहना है कि पीलिया के बचाव हेतू निर्देश जारी कर उचित कदम उठा स्टोरेज टैंकों की साफ-सफाई की जा रही है। ब्लीचिंग पाऊडर डाला जा रहा है। पेयजल पाईपों की समस्या बारे खुद मौके का जायजा ले स्थाई हल निकाला जाएगा।