हमीरपुर,10 सितम्बर: नादौन कमलाह पंचायत के गांव गलोल के साथ लगते वन विभाग के जंगल से करीब दो दर्जन पेड़ काटे जा चुके हैं। उन काटे गए पेड़ों का नामोनिशान मिटाने के भी हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। काटे गए चीड़ व खैर आदि के पेड़ों के झुंडों को जलाया गया ताकि इस बात का पता न चल सके कि ये वन विभाग के पेड़ जंगल से काटे गए हैं। इन पेड़ों को काटे जाने की शिकायत लोगों ने वन विभाग पंचायत व सीएम को भी की, लेकिन जांच के नाम पर लीपापोती ही की गई।
शिकायतकर्ताओं को भी जांच अधिकारी ने जांच के बारे में सूचना तक नहीं दी है जिससे लोगों में रोष है। गांव के रमेश चंद शर्मा, सुरेश शर्मा, सोमनाथ, देव राज शर्मा, राज कुमार, जिया लाल, सोम दत्त, त्रिलोक नाथ आदि ने कार्रवाई न होने पर मुख्यमंत्री, वन मंत्री, डीसी हमीरपुर, डीएफओ हमीरपुर व आर ओ नादौन को शिकायत पत्र भेजा है।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि राजकीय प्राथमिक पाठशाला साधबड़ व किशोरी लाल के मकान के साथ वन भूमि लगती है इस वन भूमि में से पिछली करीब तीन सालों से लगभग दो दर्जन पेड़ काटे जा चुके हैं। लेकिन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने मामले की जांच किए जाने व वन विभाग के जंगल में फैंसिंग किए जाने का भी आग्रह सरकार से किया है।
पंचायत कमलाह के प्रधान डॉ खुशहाल सिंह व वार्ड मेंबर वीना देवी का कहना है कि गांव वासियों की शिकायत पर पंचायत मौके पर गई थी। मौके पर पाया कि गलोल वाले वन विभाग के जंगल से करीब 20 पेड़ काटे गए हैं। इन पेड़ों के झुंडों को जलाकर नामोनिशान मिटाने की कोशिश की गई है। वन विभाग को चाहिए कि सरकारी संपदा को बचाया जाए और इस सारे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।