मंडी (एमबीएम न्यूज़) : तीन धर्मों की संगम स्थली के नाम से विश्व भर में विख्यात रिवालसर शहर में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। यहां कार पार्किंग के नाम पर लाखों खर्चे गए और अब कार पार्किंग को गौशाला में परिवर्तित कर दिया गया है। साथ ही शहर में न तो बस स्टैंड की उचित सुविधा है और न ही टैक्सी स्टैंड की।
जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धार्मिक नगरी रिवालसर में हिंदू, सिक्ख और बौद्ध धर्म के लोग रहते हैं। यही कारण है कि इसे त्रिवेणी के नाम से जाना जाता है। लेकिन त्रिवेणी इन दिनों अपनी बहदाली पर आंसू बहा रही है। शहर में न तो बस स्टैंड की उचित व्यवस्था है और न ही टैक्सी स्टैंड की। बीच बाजार में बेतरतीब ढंग से बसें खड़ी रहती हैं, वहीं शहर के एक कोने पर टैक्सी चालकों ने अपना डेरा जमा रखा है।
मजेदार बात यह है कि शहर के बीचोंबीच लाखों रुपए खर्च करके एक कार पार्किंग कम टैक्सी स्टैंड का निर्माण किया गया था। लेकिन जब इसका निर्माण पूरा हुआ तो पता चला कि इसके ग्राउंड फ्लोर में जहां पर गाडि़यों को खड़ा किया जाना है, वहां तक तो गाडि़यां पहुंच ही नहीं पा रही हैं। अब ऐसे में इसे कुछ लोगों ने अपनी गौशाला के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। आए दिन यहां पर पशुओं का बांधा जाता है और यहां से निकलने वाले मल के कारण शहर वासियों का जीना दूभर होता जा रहा है।
नगर पंचायत ने लाखों की लागत से बनी इस पार्किंग को तोड़ने का निर्णय ले लिया है। इसके स्थान पर अब मिनी सचिवालय का निर्माण करने की योजना करीब एक वर्ष पहले बनकर तैयार हो चुकी है। मिनी सचिवालय में पार्किंग भी होगी और सभी विभागों के कार्यालय भी। लेकिन इसका काम भी कब शुरू होगा इसकी भी कोई जानकारी मौजूद नहीं है।
बता दें कि रिवालसर शहर में हर रोज सैंकड़ों की संख्या में पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। इसमें अधिकतर बौद्ध अनुयायी होते हैं, जो विदेशों से यहां आकर संत पदमसंभव की विशालकाय मूर्ति के दर्शन करते हैं लेकिन न तो उन्हें यहां पर पार्किंग की सुविधा मिल पाती है और न ही बस स्टैंड और टैक्सी स्टैंड की। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार, प्रशासन और स्थानीय नगर पंचायत इन सुविधाओं की तरफ विशेष ध्यान देगी।