शिमला, 28 अगस्त : किसान आंदोलन को धार देने वाले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने हिमाचल प्रदेश में सेब के गिरते दामों पर चिंता चिंता व्यक्त करते हुए इसके लिए सरकार और कॉरपोरेट कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि अदानी ग्रुप हिमाचल के सेब पर कब्जा करने की मंशा से काम कर रहा है। बागवानों की आवाज को आंदोलन के जरिए पूरे देश में पुरजोर तरीके से उठाएंगे और सेब के दाम नहीं गिरने दिए जाएंगे।
राकेश टिकैत ने शनिवार को शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि अदानी 10 साल में हिमाचल में व्यापार करने आई थी और अब इसका असर देखने को मिल रहा है। अदानी द्वारा हिमाचली सेब के दाम 16 रुपये कम करने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण व बागवान विरोधी है।
टिकैत ने कहा कि हिमाचली में सेब के जो दाम 2011 में मिलते थे, वही आज मिल रहे है जबकि केंद्र सरकार 2022 में किसानों की आय दोगुनी करने की बात कह रही है। उन्होंने कहा कि बागवानों की आवाज को आंदोलन के जरिए पूरे देश में पुरजोर तरीके से उठाएंगे और सेब के दाम नहीं गिरने दिए जाएंगे। कहा कि सेब के दामों में आई गिरावट अदानी द्वारा प्रदेश में बनाए कोल्ड स्टोर है। बागवानों से सस्ते सेब खरीद कर स्टोर किए जाएंगे और फिर दोगुने रेट पर बेचे जाएंगे। उन्होंने कहा कि सेब बागवानों को बेमौसम बारिश से भी नुकसान हुआ है, इसलिए वह यहां के किसानों दर्द जानने आए है।
सरकार को चेताते हुए टिकैत ने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला ठंडी जगह है लेकिन यहां के मौसम को गर्म करने में समय नहीं लगेगा। जिस प्रकार दिल्ली में किसान डटे है, उसी तरह शिमला को दिल्ली बनने में देर नही लगेगी। उन्होंने कहा कि यदि गोदाम तोड़े जाते हैं तो उसकी जिम्मेदारी किसान की नहीं होगी।