पांवटा साहिब, 11 अगस्त : हर किसी के जीवन में तनाव हावी होता जा रहा है। संभवतः ऐसे ही तनाव के कारण शहर के शुभखेड़ा स्थित पैट्रोल पंप पर एक निजी कंपनी में काम करने वाला पिता अपने बेटे को ही बाइक पर बिठाना भूल गया। चूंकि बच्चा छोटा नहीं था, लिहाजा वो खुद को संभाल तो सकता था, लेकिन अप्रिय घटना की गुंजाइश थी।
आठवीं कक्षा में पढ़ने वाला बालक अपने हाथ में किताबों को लेकर पैट्रोल पंप से पैदल ही चल पड़ा। इसी बीच पैट्रोल पंप पर तेल भरवा रही टीजीटी अध्यापिका दीना तोमर ने इस बात को भांप लिया। 100 मीटर पैदल चल चुके बच्चे के पास वो तुरंत ही स्कूटी लेकर पहुंच गई। जब बच्चे से पिता का मोबाइल नंबर पूछा तो आठवीं के छात्र ने अध्यापिका को बताया कि पापा के पास फोन नहीं है। बच्चे की जानकारी के आधार पर अध्यापिका दीना तोमर उसे कुछ किलोमीटर दूर घर लेकर पहुंच गई।
इस मामले में अध्यापिका को अपने स्कूल पहुंचने में भी देरी का सामना करना पड़ा। बेटे के सकुशल घर आ जाने पर माता-पिता ने सुकून की सांस ली। साथ ही अध्यापिका को बच्चे के पिता ने बताया कि बाइक में तेल भरवाने के बाद वो समझ बैठे कि बेटा पीछे बैठ गया है। रास्ते में जब बेटे से टाइम पूछने लगे, तब उन्हें गलती का अहसास हुआ।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में अध्यापिका दीना तोमर ने कहा कि तनाव भरे जीवन में माता-पिता को सजग रहना चाहिए। ऐसे हालात में बच्चों को गुमराह कर कोई भी अपहरण कर सकता है। बच्चों का खास तौर पर ध्यान रखना चाहिए। अध्यापिका ने कहा कि समाज में भी मदद की भावना होनी चाहिए। एक-दूसरे के अच्छे कार्य से प्रेरित होकर सभी लोगों को मदद में आगे आना चाहिए। समाज में केवल दर्शक बनकर दायित्व नहीं निभाना चाहिए।