शिमला, 11 अगस्त : हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को भी विपक्षी कांग्रेस विधायकों ने सदन में भारी हंगामा, नारेबाजी और वॉकआउट किया। कांग्रेस विधायकों ने बेल में आकर भी नारे लगाए। सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष पर पलटवार किया और एक कैबिनेट मंत्री ने सदन में विपक्ष के खिलाफ सदन में नारे लगाए।
विपक्ष के शोर-शराबे के बीच स्पीकर विपिन परमार ने प्रश्नकाल चलाने की घोषणा कर दी। प्रश्नकाल के बीच ही विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया। इससे पहले स्पीकर ने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को दो मिनट में अपनी बात सदन में रखने को कहा, लेकिन विपक्षी सदस्यों ने स्पीकर की व्यवस्था को नहीं माना और जोरदार नारेबाजी के बाद सदन से वाकआउट कर दिया।
दरअसल आज पूर्वाह्न 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, तो कांग्रेस विधायकों ने पिछले कल सदन में हुए घटनाक्रम पर अपनी बात रखनी चाही, लेकिन स्पीकर विपिन परमार ने इसकी इजाजत नहीं दी। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि विपक्षी सदस्य विस अध्यक्ष के चेंबर में जाकर इस मुद्दे पर अपनी बात रखें और सदन की कार्यवाही को बाधित न करे। लेकिन विपक्षी सदस्य शांत नहीं हुए और सतापक्ष पर तानाशाही का आरोप लगाने लगे।
विस अध्यक्ष ने विपक्ष से कहा कि पिछले कल सदन में कल्याणकारी नीतियों पर सकारात्मक चर्चा चल रही थी, लेकिन विपक्ष का व्यवहार सही नहीं था और वो विषय से हटकर चर्चा करने लग गए थे। विपिन परमार ने कहा कि विपक्ष जिस विचारधारा को मुददा बनाकर हंगामा कर रहा है, उस विचारधारा से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से लेकर हमारे मुख्यमंत्री और मैं स्वयं भी जुड़ा हूं। उन्होंने कहा कि क्या विपक्ष के कहने से मैं इस विचारधारा को छोड़ दूं? विस अध्यक्ष बोले कि मैं न्याय की कुर्सी पर बैठा हूं और न्याय करूंगा।
उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य इस सदन में मंत्रियों को डराएं और मंत्रियों के खिलाफ नारेबाजी करें, तो ऐसे सदस्यों से मैं विनती नहीं करूंगा। विपक्षी सदस्यों का ये व्यवहार कतई सही नहीं है। विपक्ष के वाकआउट के बाद सत्ता पक्ष के विधायकों ने अपने-अपने सवाल पूछे, जिससे संबंधित मंत्रियों ने जवाब दिए।