नाहन (एमबीएम न्यूज): ब्रिटिश हुकूमत को खत्म हुए दशकों बीत गए हैं, मगर उस जमाने में सडक़ों पर दौडऩे वाला एक अनोखा वाहन आज भी शहर में मौजूद है। लोगों ने इस तरह के वाहन फिल्मों में देखे हो सकते हैं। चौगान मैदान के समीप तंबूखाने में यह वाहन मौजूद है। 40 के दशक निर्मित इस स्टेशन वैगन का इस्तेमाल 60 के दशक तक होता रहा। अंतिम शासक राजेंद्र प्रकाश के निधन के बाद यह गैरेज में बंद पड़ा हुआ है।
शाही परिवार के सदस्य कंवर अजय बहादुर सिंह का कहना है कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान यह स्टेशन वैगन रियासत में लाई गई थी। इसका इस्तेमाल कुछ साल तक अंग्रेजी हुकूमत ने भी किया, जिसे स्टाफ व्हीकल भी कहा जाता था। अब इस वाहन को पुन: सडक़ों पर दौड़ाने के लिए लाखों रुपए खर्च होंगे। साथ ही इसकी मेनटेनेंस भी आसान नहीं है। अलबत्ता विटेंज के तौर पर इसका इस्तेमाल अब भी संभव है। बशर्ते है कि राज परिवार इसमें दिलचस्पी दिखाए।
कुछ साल पहले तंबूखाना से ही जयपुर की राजमाता पदमिनी देवी के दामाद नरेंद्र सिंह ने एक दूसरी विटेंज कार को निकाला था, जो शहरवासियों के बीच कौतूहल का विषय बनी थी। कुल मिलाकर यह तय है कि तंबूखाने में मौजूद इस स्टेशन वैगन को अगर पर्यटन के लिहाज से देखा जाए तो सौदा घाटे का नहीं हो सकता। कंवर अजय बहादुर सिंह का यह भी कहना है कि बसनुमा वाहन में स्टाफ को ले जाया जाता था। जब शासक का काफिला निकलता था तो स्टाफ इसी वाहन में सवार होकर उनके साथ चलता था।