नाहन (एमबीएम न्यूज): अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर नाहन शहर का माइलस्टोन ‘लिटन मैमोरियल’ का टाइम रुके महीनों बीत चुके हैं। 1978 के बाद ऐसा पहली बार माना जा रहा है कि जब कई महीनों तक इस धरोहर पर सुईयां थम गई हों। हालांकि पहले भी कई मर्तबा ऐसा हुआ है कि मैकेनिक न मिल पाने के कारण टाइम थमा हो। लेकिन चंद दिनों में इस घंटाघर की सुईयां अपनी धुरी पर घूमना शुरू कर देती थी, क्योंकि नगर परिषद इसे चंद दिनों में दुरुस्त करवा लेती थी।
इस बार तो सुईयों के थमे रहने का सिलसिला लंबा होता जा रहा है। लिटन मैमोरियल न केवल देश बल्कि विदेशों में भी शहर की पहचान है। आधुनिक युग में नगर परिषद की ऐसी क्या दिक्कत हो सकती है, जो घंटाघर की सुईयों को समय के साथ नहीं चला पा रही। बताते हैं कि 70 के दशक में भी कई महीनों तक घंटाघर की सुईयां रुक गई थी। उस वक्त उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से मैकेनिक बुलाए गए थे।
70-80 के दशक में नगर परिषद के अध्यक्ष रहे बाबूराम बंसल का कहना है कि पहले भी घड़ी खराब हो जाती थी। इसकी मरम्मत तुरंत करवा ली जाती थी। उन्होंने कहा कि ठीक से याद नहीं है कि आखिरी बार कब कई महीनों तक घड़ी ठीक न करवाई गई हो। कुल मिलाकर नगर परिषद बेहद शर्मनाक दौर से गुजर रही है। नगर परिषद प्रशासन का कहना है कि मरम्मत के लिए टैंडर करवाए जा रहे हैं।