हमीरपुर,25 जुलाई : न मुझे दौलत बेशुमार चाहिए, न औरों की तरह प्यार चाहिए। मेरे ताबूत को अपनी कोख में ही समा लेना ‘धरती मां’, मुझे बस यही उपकार चाहिए।’ इसी के साथ आज हमीरपुर के पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ शहीद कमल वेद का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के चचेरे भाई बॉबी ने पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। परिजनों की ओर से बड़े भाई ने हार, टोपी और कमीज पहनाकर विदाई दी।
माता-पिता कर रहे थे सेहरा बांधने की तैयारी, 27 साल के बेटे ने पहना शहादत का ताज
इससे पहले शहीद कमल वेद की पार्थिव देह पैतृक गांव पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। हर आंख नम हो गई। ताबूत पर शहीद के भाई ने दूल्हे को कपड़े भेंट किए। अविवाहित होने के चलते परिजनों ने शादी की रस्में निभाई। 27 वर्षीय कमल वेद वर्ष 2015 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और इसी साल अक्टूबर में उनकी शादी तय थी।
हिमाचल : देश ने बहादुर बेटे के साथ खोया बेहतरीन गायक, अधूरे रहे सेहरा बांधने के सपने
गौरतलब है कि शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के मनकोट सेक्टर में नियंत्रण रेखा के समीप बारूदी सुरंग फटने से हमीरपुर का जवान शहीद हो गया था। कमल छह साल पहले भारतीय सेना की डोगरा रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। इसी साल अप्रैल में वह घर पर छुट्टियां काटने के बाद वापस अपनी बटालियन में गए थे। कमल की तीन माह बाद अक्तूबर में शादी होनी थी। माता-पिता बेटे के सिर पर सेहरा भी नहीं सजा सके। शहीद कमलवेद अपने पीछे माता-पिता, बड़ा भाई और दो बहनें छोड़ गए हैं।