हरिपुरधार/ सुरेंद्र चौहान : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरिपुरधार का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने किया था। पीएचसी से सीएससी का लोकार्पण मौजूदा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन कुमार द्वारा किया गया। यदि स्वास्थ्य सेवाओं और अस्पताल परिसर के रखरखाव की बात करें, तो एकमात्र डॉक्टर के अलावा चंद स्टाफ उपलब्ध है। बिल्डिंग भी जर्जर हालत में है।
लंबे अंतराल से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरिपुरधार में स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर व्यवस्था है। टीन की छत भी उखड़ गई हैं। कमरों में पानी का रिसाव हो रहा है। भवन में दरारें पड़ रही हैं। अस्पताल परिसर में पानी भर जाता है। ऐसे में मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है।
मूलभूत सुविधाओं का टोटा तथा पर्याप्त मात्रा में स्टाफ उपलब्ध न होने से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है। लंबे समय से एक्सरे मशीन बेकार पड़ी है। टेक्नीशियन की कमी के चलते एक्सरे मशीन की सेवा शुरू नहीं हो पा रही है। मरीजों को ददाहू या संगड़ाह जाना पड़ता है। आपातकालीन उपचार की स्थिति में मरीजों को तत्काल ही रैफर किया जाता है। गर्भवती महिलाओं को तत्काल प्रभाव से डिलीवरी करवाना अत्यंत आवश्यक होता है, रैफर करने के दौरान कई महिलाओं की रास्ते में ही डिलीवरी हो जाती है।
लंबे समय से चली आ रही मांगों पर जल्द विचार किया जाना बेहद जरूरी है। क्षेत्र के लोगों ने अपनी दास्तां कई मर्तबा सरकार से सुना भी दी है। लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है। ग्रामीणों के मुताबिक सरकार की ख़ामोशी की वजह से विरोध प्रदर्शन की नौबत भी आ सकती है। बता दे कि हरिपुरधार करीब दो दर्जन पंचायतो के केंद्र बिंदु हैं, इसमें शिमला के कुपवी क्षेत्र की पंचायते भी शामिल हैं।