कांगड़ा, 14 जुलाई : शाहपुर के बोह के रूलहेड गांव में जल प्रलय ने गहरे जख्म दिए हैं। त्रासदी में भीम सेन की परिवार सहित सांसों की डोर टूट गई। लेकिन संसार को त्यागने से पहले वो 22 अनमोल जिंदगियों को सुरक्षित बचा गया। पीछे केवल एक बेटी बची है, जो त्रासदी के वक्त ससुराल में थी। इस दुखद हादसे में भीम सेन की 21 वर्षीय बेटी ममता ने भी संसार त्यागा है। ममता एक बेहतरीन कलाकार थी।
कई पहाड़ी व गद्दी गानों में लीड रोल कर चुकी थी। हादसे से कुछ देर पहले ही ममता ने इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीर भी अपलोड की थी। पहाड़ के नीचे अमर सिंह के घर के नजदीक एक छोटा सा नाला अवरुद्ध हो गया था। सुबह के वक्त करीब 22 लोग पानी की निकासी को दुरुस्त करने में जुटे हुए थे।
सुबह करीब 10ः39 बजे लगभग 50 से 70 मीटर दूर पहाड़ी पर भीम सिंह अचानक ही चिल्लाने लगा, क्योंकि उसने आने वाली तबाही का मंजर देख लिया था। वो 22 अनमोल जिदंगियां बचाने में इतना गुम था कि उसे इस बात का इल्म तक नहीं हुआ कि मलबे की चपेट में उसका परिवार भी आ सकता है। हुआ भी ऐसा ही, भीम सिंह की चेतावनी के कुछ सैकंड बाद मलबा उसके घर को बहाकर ले गया।
ग्रामीणों ने कहा कि अगर भीम सेन अलर्ट न देता तो 22 में से कोई भी व्यक्ति जिंदा नहीं होता। ग्रामीणों का कहना था कि वो दूर से बेबसी से भीम सेन के घर को मलबे की चपेट में आते हुए देख रहे थे। बता दें कि बुधवार को भीम सेन का शव भी बरामद कर लिया गया है। पत्नी मस्तो देवी का शव सोमवार को ही बरामद कर लिया गया था।
हादसे में 15 साल के बेटे कार्तिक व 21 साल की बेटी ममता की भी मौत हुई है। बहरहाल, 22 लोगों के परिवार ये ताउम्र नहीं भूल पाएंगे कि उनके पारिवारिक सदस्यों की जिंदगी भीम सेन की देन है। कई पीढ़ियों तक शायद इसे भुलाया न जा सके।