शिमला, 05 जुलाई : अभिभावक संघ शिमला ने प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों पर मनमाफिक ढ़ंग से फीसें लेने का आरोप लगाया है। संघ ने प्राइवेट स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए फीस नियंत्रण करने वाला विधेयक जल्द से जल्द लाने की प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है।
संघ के अध्यक्ष रमेश ठाकुर व अन्य पदाधिकारियों ने रविवार को प्रेस वार्ता में कहा कि प्रदेश सरकार विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में फीस नियंत्रण विधेयक पारित करवाए, ताकि अभिभावकों को भारी भरकम फीस से राहत मिले। उन्होंने ये भी कहा है कि इस बिल को और ज्यादा सख्त किया जाए ताकि नियमों की अवहेलना करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो सके।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में राज्य में बड़ी तादाद में लोगों की नौकरियां चली गई है। स्कूल बंद होने के कारण ऑनलाइन माध्यम से ही पढ़ाई करवाई जा रही है। उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया है कि पिछले साल की तर्ज पर केवल टयूशन फीस लेने के ही निर्देश स्कूलों को दिए जाए। इस साल भी वार्षिक शुल्क को माफ किया जाए ताकि अभिभावकों को कोरोना काल में राहत मिल सके।
रमेश ठाकुर ने कहा कि फीस नियंत्रित करने को लेकर बनाए गए कानून को लेकर विभाग ने सुझाव मांगे थे। संघ ने भी अपने सुझाव शिक्षा निदेशक को सौंपे हैं। संघ ने सरकार को चेताया कि यदि निजी स्कूल प्रबंधकों के दबाव में सरकार इस बिल को लागू करने में देरी करती है तो चुनावों में इसके नतीजे भुगतने के लिए भी वह तैयार रहे।
उन्होंने कहा कि हर साल छह फीस के हिसाब से फीस बढ़ाना गलत है। इसमें 3 फीसद के हिसाब से वार्षिक बढ़ोतरी की मांग की गई है। इसके अलावा उन्होंने स्कूलों में पीटीए का गठन लोकतांत्रिक आधार पर पारदर्शी प्रक्रिया से करने की मांग की।