ऊना, 04 जुलाई : राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के उस बयान पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है, जिसमें उन्होंने कह दिया था कि कोरोना काल में मास्टरों ने मौजें की हैं और अब फ्रंटलाइन वॉरियर बनकर इंजेक्शन लगवा रहे हैं। संघ ने हैरानी जाहिर की कि ऐसे व्यक्ति मंत्रिमंडल में हैं, जिनको अध्यापकों का सम्मान ही नहीं करना आता।
संघ के राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरबजीत सिंह राणा, राज्य प्रवक्ता महेश शारदा, जिला प्रधान विनोद कुमार शर्मा, महासचिव राकेश चंद्र शर्मा, कोषाध्यक्ष पंकज ठाकुर, कपिल शर्मा, मनोज राणा, महेश कुमार, विजय शर्मा, राजीव शर्मा, कुलदीप कंग व जगदेव सिंह जग्गी ने रविवार को जारी संयुक्त ब्यान में कहा कि ऐसे वरिष्ठ नेता को कुछ भी बोलने से पहले सौ बार सोचना चाहिए। आप मंत्री हैं तो आपको यह अधिकार नहीं मिल जाता कि आप मंच पर चढ़कर जो जी चाहे बोलते रहो।
उन्होंने कहा कि अगर मास्टरों की मौजें मंत्री महोदय देखना चाहते थे, तो ऊना आते और देखते कि मास्टर दिन रात बैरियर पर कोरोना टेस्टिंग में बिना किसी छुट्टी के ड्यूटी देते रहे। इसके अलावा शिक्षकों ने लाखों रुपए इक्क्ठे करके मुख्यमंत्री राहत कोष में भेजे। क्वारंटाइन केंद्रों पर दिन रात ड्यूटी दी। इसके साथ ही ऑनलाइन काम बच्चों को भेजा, ऑनलाइन क्लासें भी लगाई और मंत्री महोदय यह कहते हैं कि मास्टरों की मौजें रही।
मंत्री महोदय आज अगर मंत्री हैं तो उन्हें यह नहीं भूल जाना चाहिए कि उनको यहां तक मास्टरों ने ही पहुंचाया है। लेकिन शायद उनको किसी ने मास्टरों का सम्मान करना नहीं सिखाया। संघ ने मांग की है मंत्री जल्दी ही सार्वजनिक मंच से शिक्षक समाज के प्रति कहे हुए शब्दों को वापिस लें और शिक्षकों से माफी मांगे नहीं, तो शिक्षक उनका घेराव करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।