सोलन (एमबीएम न्यूज): राजधानी शिमला में पीलिया से हुई दो लोगों की मौत व सोलन में पीलिया ग्रस्त रोगियों की संख्या में वृद्धि होने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। बुधवार को विभागीय अधिकारियों की टीम ने अश्वनी खड्ड उठाऊ पेयजल योजना सहित सोलन शहर के निकटवर्ती विभिन्न पानी के चश्मों से कुल नौ सैंपल भरे हैं। सभी सैंपलों को विभाग की कंडाघाट स्थित सीटीएल लैब में जांच के लिए भेज दिया है।
गौर रहे कि राजधानी शिमला में पीलिया रोग की चपेट में आने से हुई दो लोगों की मौत व क्षेत्रीय सोलन अस्पताल में अचानक पीलिया से पीडि़त रोगियों की संख्या में वृद्धि होने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग सोलन के प्रशासनिक अधिकारियों के कान खड़े हो गए हैं। पीलिया के बढ़ रहे मामलों पर गंभीरता दिखाते हुए सीएमओ सोलन कार्यालय की तरफ से सभी बीएमओ कार्यालयों को एक सर्कुलर जारी कर पीलिया रोग के प्रति अलर्ट रहने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
बुधवार को जिला स्वास्थ्य विभाग की कई टीमों ने सोलन सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर प्राकृतिक जल स्त्रोतों से पानी के सैंपल उठाए हैं। अश्वनी खड्ड योजना के गंदे पानी का सेवन करने से राजधानी शिमला में फैले पीलिया का कड़ा संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी बुधवार की तडक़े अश्वनी खड्ड पहुंचे और वहां से पानी के सैंपल उठाएं। इसकी वजह यह है कि जिस अश्वनी खड्ड के प्रदूषित जल का सेवन करने से राजधानी शिमला में पीलिया रोग ने पांव पसारे हुए हैं, उसी अश्वनी खड्ड के दूषित पेयजल को सोलन शहर के लिए सप्लाई किया जा रहा है।
सोलन अस्पताल में अचानक पीलिया पीडि़त रोगियों की संख्या में इजाफा होने से स्पष्ट हो रहा है कि अब अश्वनी खड्ड का दूषित पानी सोलन शहर के बाशिंदों के लिए जहर बनने लगा है। अश्वनी खड्ड योजना का पानी कितना शुद्ध है। इस बात का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने खड्ड के मुख्य मुहाने से पानी के सैंपल उठाए हैं। इसके अलावा सोलन शहर व कंडाघाट क्षेत्र से विभाग ने नौ प्राकृतिक पेयजल चश्मों से पानी के सैंपल भरे हैं। सभी सैंपलों को जांच के लिए कंडाघाट स्थित विभागीय प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया है।
सूत्रों की मानें तो आगामी दो-तीन दिनों के भीतर सैंपलों की जांच रिपोर्ट जिला स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंच जाएगी। सीटीएल लैब कंडाघाट ही अब सोलन की जनता को अश्वनी खड्ड व गिरि योजना से सप्लाई किए जा रहे पानी की शुद्धता और गुणवत्ता का राज खोलेगी। यदि जांच रिपोर्ट में पानी की शुद्धता मानकों पर खरा नहीं उतरी तो सिंचाई विभाग व स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों पर जनता व सरकार का नजला गिरना स्वाभाविक है। परंतु यदि जांच में पानी के सैंपल सही पाए जाते हैं तो पीलिया की वजह से दहशत में आए लोगों को बड़ी राहत मिलना तय है।
गौर रहे कि सोलन शहर सहित आसपास के दर्जनों ग्रामीण क्षेत्रों के लिए गिरि उठाऊ पेयजल परियोजना व अश्वनी खड्ड उठाऊ योजना से पेयजल की सप्लाई सिंचाई विभाग द्वारा की जाती है। सोलन शहर की प्यास बुझाने के लिए सिंचाई विभाग प्रतिदिन अश्वनी खड्ड योजना से करीब 8 लाख गैलन पानी लिफ्ट करता है। जबकि 12 लाख गैलन पानी गिरि उठाऊ पेयजल योजना से सोलन के लिए लि ट किया जाता है। दोनों ही योजनाओं के पानी को टैंक रोड़ स्थित बने पानी के बड़े-बड़े स्टोरेज टैंकों में पहले एकत्रित किया जाता है,तदोपरांत इस मिक्स पानी को शहर के लोगों के लिए पीने के लिए सप्लाई किया जाता है। यही वजह है कि दोनों ही योजनाओं के पानी को मिक्स करके आगे सप्लाई करने से सोलन में लोग पीलिया जैसी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। हालांकि जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि विभाग पीलिया रोग को लेकर अलर्ट है तथा विभाग के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में पीलिया रोग को नियंत्रित करने वाली दवाइयां उपलब्ध है।
खुले रखे खाद्य पदार्थ बेचने पर तुरन्त रोक: मदन चौहान
सोलन में बढ़ रही पीलिया रोगियों की सं या को देखते हुए उपायुक्त सोलन मदन चौहान ने बुधवार को स्वास्थ्य, सिंचाई व जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को निर्देश दिए कि पूरे जिले में खुले में बेचे जा रहे खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाएं। उन्होंने सिंचाई विभाग को निर्देश दिए कि पेयजल की आपूर्ति से पूर्व जल का पूर्ण उपचार सुनिश्चित बनाया जाए। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को भी निर्देश दिए कि पीलिया से बचाव के लिए चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मियों के त्वरित कार्रवाई दल तैयार रखे जाएं। उन्होंने आम लोगों से आग्रह किया कि पीलिया एक जल जनित रोग है और इससे बचाव के लिए आवश्यक उपाय अपनाए जाने जरूरी हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने सोलन व कंडाघाट क्षेत्र में प्राकृतिक जलस्रोतों से कुल नौ पानी के सैंपल उठाए हैं। सभी सैंपलों को जांच के लिए सीटीएल लैब कंडाघाट भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही विभाग पानी की शुद्धता के बारे में कुछ बता सकेगा।
-डा. आरके दरोच, सीएमओ सोलन