मंडी (एमबीएम न्यूज़): हिमाचल प्रदेश के लिये आने वाली 25 इलैक्ट्रिक बसों पर फिलहाल अनुदान का पेंच फंसता हुआ नजर आ रहा है। बता दें कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश को दी जाने वाली 25 इलैक्ट्रिक बसों पर 75-25 के तहत अनुदान देने जा रहा है लेकिन राज्य सरकार विशेष श्रेणी राज्य के तहत 90-10 के तहत अनुदान राशि की मांग पर अड़ गई है। अगर 75-25 के तहत अनुदान राशि मिलती है तो कुल लागत का 25 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार को उठाना पड़ेगा और यदि 90-10 के तहत अनुदान राशि मिलती है तो राज्य सरकार को कुल लागत का सिर्फ 10 प्रतिशत खर्च ही उठाना होगा।
हिमाचल प्रदेश को विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा हासिल है और इस दर्जे के तहत हिमाचल 90-10 के तहत अनुदान राशि लेने का हकदार भी है। लेकिन केंद्र सरकार इलैक्ट्रिक बसों की खरीद पर 75-25 की रेशो के तहत अनुदान राशि देने जा रही है। परिवहन मंत्री जीएस बाली का कहना है कि वह इस बारे में लगातार केंद्रीय मंत्री आनंद गीते से बात कर रहे हैं और उनके सामने विशेष श्रेणी राज्य का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जा रहा है। बाली का कहना है कि वह जल्द ही इस बारे में केंद्रीय मंत्री से फिर से मुलाकात करेंगे।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार की तरफ से 25 इलैक्ट्रिक बसें दी जा रही हैं और प्रदेश सरकार के इस प्रोजैक्ट को केंद्र सरकार ने सराहा भी है। हालांकि पहले प्रदेश में सीएनजी बसें चलाने की योजना था लेकिन सीएनजी की सप्लाई में आने वाली दिक्कतों के चलते अब इलैक्ट्रिक बसें चलाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि प्रदेश में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण से निजात पाई जा सके। प्रदेश के लिये जो इलैक्ट्रिक बसें खरीद जाएगी उनकी खरीद पर 50 करोड़ का खर्च आएगा, क्योंकि एक बस की कीमत 2 करोड़ बताई जा रही है।
एक बस एक बार चार्ज करने पर 100 किलोमीटर का सफर तय करेगी और उसके बाद उसे फिर से चार्ज करना होगा। राज्य सरकार सभी बस स्टैंडों पर पावर स्टेशन भी बनाने जा रही है क्योंकि हिमाचल प्रदेश के सभी बस स्टेंड 100 किलोमीटर से भी कम की दूरी पर हैं। परिवहन मंत्री जीएस बाली का कहना है कि बसें आने में अभी समय लगेगा क्योंकि सारी बसें बाहर से इम्पोर्ट की जाएंगी। उन्होंने बताया कि पावर स्टेशनों के लिए सरकार जल्द की टैंडर काल करने जा रही है।