रोनहाट, 23 जून : नवजात बेटी को गोबर के ढेर में फेंकने के मामले को पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही सुलझा लिया है। इसमें ये पता लगा लिया गया है कि बच्ची को जन्म देने वाली युवती कौन है। इस मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। दरअसल, नाबालिग (minor) साली से जीजा ने 8-9 महीने पहले दुराचार किया था। इसके बाद किशोरी गर्भवती (Pregnant) हो गई।
मामला, पुलिस तक भी नहीं पहुंचा था। अगर युवती का परिवार लोक लाज के भय से जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु को गोबर के ढेर में नहीं फेंकता तो एक दुराचारी कानून के शिकंजे से बचकर बेखौफ हो सकता था। हालांकि इस समय नवजात बेटी की मां बालिग हो चुकी है, लेकिन उम्र को लेकर उस तारीख को आधार बनाया जाएगा, जिस दिन किशोरी से दुराचार हुआ था।
रोनहाट उप तहसील की ग्राम पंचायत शंखोली के कमियारा गांव में मंगलवार को गोबर के ढेर के समीप लावारिस हालत में नवजात बच्ची मिली थी। पुलिस के सामने पहला सवाल बच्ची की मां की पहचान करना था। पहचान होते ही इस मामले ने एक नया मोड़ लिया। हालांकि घटना को लेकर किशोरी को आईपीसी की धारा-317 के तहत मुलजिम बनना पड़ेगा, क्योंकि नवजात बच्ची को लावारिस हालत में फेंका गया था। इसके पीछे बेशक ही हालात कुछ भी रहे हों।
इसी बीच पुलिस ने बालिग हो चुकी किशोरी के बयान के आधार पर जीजा के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 व पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही तलाश भी शुरू कर दी है। माना ये भी जा रहा है कि आरोपित के मिल जाने के बाद उसके डीएनए सैंपल भी नवजात बच्ची के डीएनए के साथ मैच किए जा सकते हैं।
ये भी माना जा रहा है कि अगर नाबालिग ने दुराचार होने के बाद ही पुलिस को मामले से अवगत करवा दिया होता तो इस समय आरोपित सलाखों के पीछे होता। साथ ही एक नवजात बच्ची के जीवन को लेकर ऐसी स्थिति न पैदा होती। उधर, एक अन्य जानकारी के मुताबिक नवजात बच्ची नाहन मेडिकल काॅलेज में चिकित्सकों की देखरेख में स्वास्थ्य लाभ ले रही है। हालत स्थिर बताई जा रही है। मेडिकल बोर्ड के अंतर्गत बच्चे की सेहत की जांच चल रही है, जिसके बाद नवजात को आगामी देखभाल व पालन-पोषण के लिए सिरमौर बाल कल्याण समिति के सुपुर्द किया जाएगा।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में एसपी खुशहाल चंद शर्मा ने कहा कि मामले की गहनता से जांच चल रही है। पांवटा साहिब के डीएसपी वीर बहादुर ने कहा कि नवजात बच्ची की मां के बयान के आधार पर जीजा के खिलाफ आईपीसी की धारा-376 व पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
कुल मिलाकर अहम बात यह है कि पुलिस की सक्रियता व सूझबूझ से न केवल एक नवजात बच्ची को न्याय मिलेगा, बल्कि एक ऐसा गुनाह भी सामने आ गया है, जिसके सामने आने की कोई संभावना नहीं थी।