नाहन, 4 जून : हिमाचल के कालाअंब व पांवटा साहिब के दो फार्मा उद्योगों से करीब 80 लाख नशीली गोलियां (Intoxicant) व राॅ मटेरियल बरामद हुआ। हालांकि पांवटा साहिब में तकरीबन 50 लाख गोलियों के सीजर (Seizure) को पंजाब पुलिस(Punjab Police) ने ही किया था, मगर कालाअंब पुलिस ने ड्रग विभाग (Drug Department) द्वारा फ्रीज की गई 30,10,050 टेबलेट के अलावा 226.140 किलो रॉ मटेरियल (Raw Material) को अपने कब्जे में ले लिया है।
बता दें कि पंजाब पुलिस ने जब्त की गई लगभग 50 लाख प्रतिबंधित गोलियों की कीमत को 15 करोड़ रुपए आंका था। अगर इसी आधार पर माना जाए तो कालाअंब पुलिस (kalaamb Police) द्वारा जब्त की गई खेप की कीमत भी 7 से 9 करोड़ के बीच होनी चाहिए।
दीगर ये भी है कि पंजाब पुलिस ने जब्त की गई खेप की संभावित कीमत का खुलासा भी किया था, मगर सिरमौर पुलिस ने फिलहाल ऐसा नहीं किया है। काफी हद तक ये तय माना जा रहा है कि दोनों ही फार्मा उद्योगों (Pharma Industries) में नशे की मेडिसन का उत्पादन मार्च के बाद किया गया है।
ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि फार्मा उद्योगों को लाइसेंस देने वाला महकमा इस बात से बेखबर क्यों हो गया कि बड़े पैमाने पर नशे के लिए इस्तेमाल होने वाली टेबलेटस (Tablets) का उत्पादन क्यों हो रहा है।
सवाल इस बात पर भी उठता है कि स्थानीय ड्रग विभाग को अब तक इस बात की भनक क्यों नहीं लगी कि फ़र्ज़ी मार्केटिंग बनाकर नशीली दवाओं को मार्किट में उतारा जा रहा है। कोविड के दौरान इन दवाओं (Medicine) की डिमांड (Demand) बड़े स्तर पर क्यों थी। ऐसी भी आशंका जाहिर की जा रही है कि बरामद दवाएं तो दो महीने में ही बनाई गई होगी। पांवटा साहिब व कालाअंब के दोनों मामलों में पुलिस साफ़ तौर पर कह रही है कि जाली मार्केटिंग कम्पनियो के माध्यम से नशीली मेडिसन को बेचा जा रहा था।
हाल ही में पंजाब पुलिस की कालाअंब में कार्रवाई के बाद से ड्रग विभाग के अधिकारियों की बौखलाहट साफ नजर आ रही थी। बहरहाल, मिली जानकारी के मुताबिक कालाअंब की ओरिसन फार्मा इंटरनेशनल में पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बाद स्थानीय पुलिस ने भी अपने स्तर पर पड़ताल शुरू कर दी। इस दौरान पाया गया कि टेबलेटस सेलडियल (CELCIDAL), जिसमें ट्रामाडोल होता है का निर्माण मुंबई की मार्केटिंग कंपनी के साथ-साथ गुजरात की कंपनी लिए किया गया।
स्थानीय पुलिस द्वारा छानबीन की गई तो पता चला कि दोनों ही कंपनियां मौजूद नहीं हैं। तथ्यों से उजागर हुआ कि स्थानीय दवा निर्माता कंपनी ओरिसन फार्मा इंटरनेशनल ने प्रतिबंधित नशीली टेबलेट सेल सिडियल व क्लेविडोल (CALVIDOL) को ऐसी मार्केटिंग कंपनियों के लिए तैयार किया जो अस्तित्व में नहीं थी। इसी दवा कंपनी द्वारा ऐसी जाली मार्केटिड ( Marketed) कंपनी के लिए निर्मित सेलेडोल (CELCIDAL) टेबलेट को पंजाब पुलिस (Punjab Police) द्वारा भी जब्त (Seizure) करना भी ये साबित करता है कि ओरिसन फार्मा के मालिक द्वारा अवैध तौर पर जाली मार्केटिंग फर्मों के साथ षड्यंत्र रचकर ऐसी प्रतिबंधित दवाओं का निर्माण कर अन्य राज्यों में बेचा जा रहा था।
उल्लेखनीय है कि दो दिन की प्रारंभिक जांच के बाद कालाअंब पुलिस ने आईपीसी की धारा-420, 467, 468, 471 व 120 बी के तहत बुधवार को मामला दर्ज किया । उधर, जब्त की गई खेप को आज अदालत के समक्ष पेश किया गया। ये भी बताया जा रहा है कि कालाअंब पुलिस को ये खेप नाहन तक लाने के लिए एक ट्रक का इस्तेमाल भी करन पड़ा।
एसपी खुशहाल चंद शर्मा ने मामला दर्ज होने की पुष्टि करते हुए कहा कि 30,10,050 प्रतिबंधित टेबलेटस के अलावा 226.140 किलो राॅ मेटीरियल(Tramadol) बरामद किया गया है। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। मामले में संलिप्त दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
एक सवाल के जवाब में एसपी ने कहा कि बरामद रॉ मैटेरियल से भी लाखो टेबलेट्स बन सकती थी। एसपी ने कहा कि करीब एक हजार रैपर्स भी बरामद किये है। एसपी ने एमबीएम न्यूज़ से बातचीत में ये भी कहा कि पंजाब पुलिस ने कालाअंब पुलिस को एक सप्ताह में रिकॉर्ड उपलब्ध करवाने का नोटिस जारी किया हुआ है।