शिमला, 12 मई : कोरोना की दूसरी लहर में हिमाचल पुलिस के जवान अपनी जान जोखिम में डाल कर काम कर रहे हैं। अहम बात ये है कि सूबे में कोरोना कर्फ्यू लागू करने के साथ पुलिस के जवान राज्य में ऑक्सीजन संयंत्रों की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा उठाने के साथ ऑक्सीजन की आपूर्ति सप्लाई विभिन्न स्थानों तक करने का कार्य भी बखूबी कर रही है।
इसके अलावा राज्य में ऑक्सीजन संयंत्रों की सुरक्षा और सुरक्षा में भी शामिल है और राज्य के भीतर भी इसके लिए एक सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित कर रही है।
कोरोना कर्फ्यू लागू करने के लिए प्रदेश पुलिस के करीब 1500 कर्मी और 800 होमगार्ड के जवानों को अतिरिक्त क्वार्टर से जिलों को विशेष रूप से संबोधित करने के लिए हेड क्वार्टर में तैनात किया गया है।
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में आठ ऑक्सीजन संयंत्र हैं, जो मंडी, शिमला, सिरमौर और ऊना में फैले हुए हैं, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 3, 800 सिलेंडरों की है जिसमें डी.टाइप जंबो.आकार के सिलेंडर और बी.टाइप मध्यम आकार के सिलेंडर दोनों शामिल हैं।
दरअसल हिमाचल में ऑक्सीजन की दैनिक आवश्यकता 35 से 38 मीट्रिक टन तक होती है जिसे तुरंत हिमाचल पुलिस के द्वारा ही विभिन्न स्थानों पर पहुंचाया जाता है। उत्तर भारत में का सबसे बड़ा ऑक्सीजन संयंत्र बद्दी में है जो प्रति दिन 120 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन करता है।
यह प्लांट हिमाचल को 15 टन ऑक्सीजन, चंडीगढ़ को 20 टन ऑक्सीजन, पंजाब को 60 टन ऑक्सीजन, जम्मू.कश्मीर को 15 टन ऑक्सीजन और 20 टन ऑक्सीजन हर दिन दिल्ली को सप्लाई करता है। इन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिसकर्मी भी वहां तैनात हैं और एचपी पुलिस इन सभी राज्यों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुचारू करने की सुविधा प्रदान करती है।