शिमला,14 अप्रैल : लोग अक्सर पुलिस के बारे में बुरा ही बोलते सुने जाते हैं, मगर शिमला पुलिस ने कुछ ऐसा किया, जिससे हर तरफ उनकी तारीफ हो रही है। पुलिस ने आंखों की रोशनी खो चुके 85 वर्षीय एक बुजुर्ग को परिवार से मिलाया है। अपने पुत्र की हरकतों से तंग आकर बुजुर्ग ने घर छोड़ दिया था और वह कई किलोमीटर का सफर तय कर शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में बेबस हालत में रहने को मजबूर हो गया था। अब शिमला पुलिस ने इस वृद्ध व्यक्ति को उसके घर पहुंचाने का नेक कार्य किया है।
दरअसल राजधानी स्थित सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में 85 वर्षीय बुजुर्ग तेलु राम बेबसी की हालत में मिला। मीडिया ने उसकी खबर को अखबारों में प्रकाशित किया कि बुजुर्ग आंखों के चेकअप को आईजीएमसी में आया था, जहां उसकी देखभाल करने के लिए कोई भी अटेंडेंड नहीं है। मीडिया में छपी खबर के मुताबिक बुजुर्ग के परिजन उसे आईजीएमसी में लावारिस हालत में छोड़ गए थे।
इसके बाद पुलिस ने बुजुर्ग की मदद करने की ठानी और उसका पता खंगालने में जुट गई। काफी मशक्कत के बाद पता चला कि बुजुर्ग का नाम तेलू राम है और वह जिला कुल्लू के गांव चौकी डोबी का निवासी है। पुलिस ने कुल्लू पुलिस से सम्पर्क किया और पाया कि तेलू राम का बेटा दयाल राम शराब पीने का आदी है और बेटे की हरकतों से तंग आकर तेलू राम अकेले सरकारी बस में बैठकर शिमला आ गया। उसके पास से एचआरटीसी का फ्री पास भी मिला। तेलू राम की 15 साल पहले आंख की रोशनी चली गई थी।
शिमला पहुंचने पर तेलू राम ने आईजीएमसी में शरण ली। यहां पिछले 4 दिनों से वह लावारिस हालत में रह रहा था। बुजुर्ग को मदद करने की कोशिश में लक्कड़ बाज़ार पुलिस चौकी के प्रयास रंग लाये और कुल्लू से बुजुर्ग की बहू व दामाद उनको लेने मंगलवार को आईजीएमसी पहुंचे। कुल्लू पुलिस का एक कांस्टेबल उन्हें साथ लेकर आया।
गौर करने वाली बात ये रही कि पुलिस ने इस बुजुर्ग की आंखों का आईजीएमसी में पूरा चेकअप करवाया और उसके परिजनों से वायदा किया कि तेलू राम के आंखों के ऑपरेशन के लिए पुलिस हर सम्भव आर्थिक मदद करेगी। तेलू राम को मंगलवार को उसके परिजनों सहित घर भेज दिया गया। आईजीएमसी से बस स्टैंड छोड़ने के लिए पुलिस ने एम्बुलेंस भी मुहैया करवाई।
सनद रहे कि बीते वर्ष इन्हीं दिनों में जब कोरोना लॉकडाउन व कर्फ्यू की वजह से लोग जगह-जगह फंस गए थे, तब भी पुलिस ने जनता को मदद पहुंचा कर जनसेवा की अलग ही मिसाल पेश की थी।