शिमला, 09 अप्रैल : हिमाचल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। प्रार्थी धर्मपाल द्वारा दायर याचिका कि प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात् मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी और न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने फिलहाल निजी तौर पर प्रतिवादी बनाए गए वाइस चांसलर को नोटिस जारी नहीं किया है। मामले की सुनवाई 19 अप्रैल को होगी।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि वाइस चांसलर की नियुक्ति नियमों के विरुद्ध की गई है। याचिका के माध्यम से अदालत को बताया गया कि प्रतिवादी वाइस चांसलर को यूजीसी द्वारा जारी रेगुलेशन के तहत 19.3.2011 प्रोफ़ेसर के पद पर पदोन्नत किया गया था। 29.8.2017 को हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के लिए आवेदन आमंत्रित किये गए।
प्रतिवादी ने चयन कमेटी को गुमराह करते हुए अपने आवेदन में अनुभव के बारे में गलत तथ्य दिए। प्रतिवादी ने आवेदन में छ वर्ष और चार महीनो के अनुभव दिया और 1.1.2009 से अपने आप को प्रोफ़ेसर बताया। जबकि प्रतिवादी को यूजीसी द्वारा जारी रेगुलेशन के तहत 19.3.2011 प्रोफ़ेसर के पद पर पदोन्नत किया गया था। यही नहीं प्रतिवादी ने 10.6.2008 से 31.12.2008 तक के समय को दो बार गिना जोकि यूजीसी के रेगुलेशन के विपरीत है।
प्रार्थी ने हाई कोर्ट से गुहार लगाईं है कि प्रतिवादी को आदेश दिए जाए कि वह हिमाचल विवि के वाइस चांसलर की नियुक्ति के लिए अपनी योग्यता अदालत को बताये और यदि उसकी योग्यता यूजीसी के रेगुलेशन के विपरीत पाई जाती है तो उस स्थिति में उसकी नियुक्ति रद्द की जाए।