नाहन – सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी जा रही 90 फीसदी सूचनाएं इस कानून की सही जानकारी व स्पष्टीकरण के अभाव में स्तरहीन होती है। जिससे जन सूचना अधिकारी को सही सूचनाएं प्रार्थी तक पहुंचाने में दिक्कतें आती है। यह जानकारी मुख्य सूचना आयुक्त हि0प्र0 श्री भीम सेन ने पांवटा साहिब स्थित यमुना होटल परिसर में हिमाचल आरटीआई एक्टिविस्ट फेडऱेशन द्वारा आयोजित एक दिवसीय सेमीनार में उपस्थित आरटीआई कार्यकर्ताआें को संबोधित करते हुए दी। उन्होने आगे जानकारी दी कि प्रदेश में 90 फीसदी सूचनाएं व्यक्ति विशेष से जुड़ी होती हैंए जबकि जनहित से जुड़े मामलों में यह आंकड़ा काफी कम रहता है। उन्होने बताया कि वर्ष 2011.12 के दौरान प्रदेश में लगभग 50 हजार सूचनाएं आरटीआई के तहत मांगी गई। उन्होने कहा कि इस अधिनियम का मुख्य उदेश्य पब्लिक ऑथोर्टी के कार्यों में पारदर्शिता, जबावदेही व भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण बनाना है। उन्होने आरटीआई कार्याकर्ताआें से आहवान किया कि वह इस कानून का ज्यादा से ज्यादा जनता के हित में सदुपयोग करें। इस बीच आरटीआई कार्यकर्ताआें की समस्याआें पर बोलते हुए उन्होने कहा कि डिफाल्टर जन सूचना अधिकारी के मामले मेें इस कानून की धारा 19;8द्ध;बीद्ध के तहत प्रार्थी सूचना मांगने के लिए किए गए खर्चे को सूचना आयोग के माध्यम से प्राप्त कर सकता है। साथ ही उन्होने जानकारी दी कि अब सूचना मांगने वाले प्रार्थी की अनुपस्थिति में भी निर्णय का प्रावधान हैए तथा निर्णय होने पर इसकी एक प्रति मुफत में प्रार्थी को उपलब्ध करवाई जाती है। साथ ही उन्होने जानकारी दी कि तीसरी पार्टी के संबंध में मांगी गई सूचना यदि जनहित से जुड़ी हो तो यह सूचना भी संबंधित विभाग द्वारा दी जा सकती है। उन्होने सूचनाआें की सही जानकारी न मिलने पर पूछे गए प्रश्न में कहा कि सरकारी कार्यालयों में रिकॉडऱ् रखने का तरीका ठीक नहीं है जिससे कारण लोगों को समय पर ठीक सूचना नहीं मिल पाती हैंए उन्होने इस व्यस्था को बेहतर बनाने पर बल दिया ताकि समय पर सही सूचनाएं लोगों तक पहुंच सके। साथ ही उन्होने जानकारी दी कि आयोग विडिय़ो कान्फ्रेसी के माध्यम से प्रार्थी की समस्याआें को हल करने की व्यस्था पर प्रयासरत है। इस बीच आरटीआई अधिनियम की धारा.4ए 18ए 19 व 20 के विभिन्न प्रावधानों पर भी विस्तृत रुप में चर्चा की गई। इससे पहले फेडऱेशन के अध्यक्ष राजेन्द्र रमौल ने मुख्य सूचना आयुक्त का स्वागत करते हुए कहा कि इस सेमीनार के आयोजन का मुख्य उदेश्य इस कानून के बारे में जहां ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरुक करना है तो वहीं आरटीआई कार्यकर्ताआें को आ रही दिक्कतों पर भी मंथन करना है। इस बीच कई आरटीआई कार्यकर्ताआें ने इस कानून के प्रभावी ढ़ंग से लागू करने को सुझाव भी रखे। इस दौरान पूर्व विधायक जगत सिंह नेगी, एस0ड़ी0एम0 पांवटा श्रवण मांटा, एएसपी सिरमौर भगत सिंह, ईटीआे अश्वनी शर्मा, खादय निरीक्षक श्याम भाटिया, आरटीआई कार्यकर्ता सुबोध अब्बी, नरेन्द्र रमौल, सी0एम0 मधुर, अरविंद गोयल, एम0एस0 र्केथए कुसुम वालिया, आशा तोमर, समीर शर्मा, जे0सी0चौहान एटी0सी0गुप्ता सहित लगभग 40 आरटीआई कार्यकर्ताआें ने भाग लिया।
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