शिमला, 15 मार्च : सोलन नगर निगम के चुनाव में भाजपा व कांग्रेस ने दिग्गज नेताओं को प्रभारी बनाकर जीत की बिसात बिछाने का प्रयास किया है। कांग्रेस ने बीजेपी के सीएम कैंडीडेट को हराने वाले राजेंद्र राणा को जीत की जिम्मेदारी सौंपी है तो भाजपा ने भी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल को अपने पुराने गढ़ की जिम्मेदारी दी हुई है।
फिलहाल दोनों ही राजनीतिक दल प्रत्याशियों के चयन को लेकर माथापच्ची कर रहे हैं। भाजपा में टिकट के तलबदारों की सूची लंबी होने के कारण बिंदल को खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है। हालांकि, भाजपा व कांग्रेस ने प्रभारियों की नियुक्ति काफी समय पहले कर दी थी, लेकिन असल इम्तिहान की घड़ी चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद आई हैै।
7 अप्रैल को मतदान होना है। इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि कांग्रेस के पास खोने को कुछ नहीं है। लेकिन बीजेपी की हार की स्थिति में पार्टी में हाशिए पर चल रहे डाॅ. राजीव बिंदल की मुश्किलें बढेंगी। अब तक दोनों ही नेता पत्रकारवात्र्ता तक सिमटे हुए हैं। चूंकि नगर निगम के विरोध में ग्रामीण लामबंद भी हुए थे, लिहाजा देखना यह होगा कि चुनाव में बीजेपी इसका डैमेज कंट्रोल कैसे कर पाती है। इतना तय है कि इन चुनाव का असर 2022 के विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा।
दिलचस्प बात यह भी है कि सरकार ने इन चुनाव को पार्टी सिंबल पर करवाने का फैसला लिया है। लिहाजा, जादुई आंकड़ा हासिल न होने की स्थिति में दूसरे दल के खेमे में सेंधमारी आसान नहीं होगी।
बीजेपी ने स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल को साइड कर चुनाव का दायित्व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल को सौंपा है। डाॅ. सैजल सह प्रभारी हैं। अगले चंद रोज में शहर पूरी तरह से चुनावी रंग में नजर आएगा। कुल मिलाकर 7 अप्रैल को ये साबित हो जाएगा कि कौन किस पर भारी पड़ा है।