शिमला, 27 फरवरी : हिमाचल विधानसभा के परिसर में राज्यपाल के साथ उलझना कांग्रेस के पांच विधायकों को मंहगा पड़ा। इनके विरुद्ध शिमला पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज किया है। इनमें नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, हर्षवर्धन चौहान, सतपाल रायजादा, सुंदर सिंह ठाकुर और विनय कुमार शामिल हैं। इनके खिलाफ बालूगंज पुलिस स्टेशन में विभिन्न आपराधिक धाराओं में मामला पंजीकृत हुआ है।
आरोप है कि इन्होंने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के साथ शुक्रवार को उस वक्त धक्का मुक्की की जब वह अपना अभिभाषण समाप्त करने के बाद विधानसभा से राजभवन प्रस्थान कर रहे थे। यह मामला विधानसभा के पहले दिन की कार्रवाई खत्म होने के बाद घटा। इस प्रकरण से विधानसभा परिसर में हड़कंप की स्थिति बन गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए सदन के नेता व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उच्च स्तरीय बैठक की और नियमों के तहत फिर से विधानसभा की कार्रवाई बुलाई गई।
इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का रास्ता रोकने और व्यवधान पैदा करने पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री समेत 5 कांग्रेस विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया, जिसे विपक्ष की गैर मौजूदगी में सदन ने पारित कर दिया। देर शाम विधानसभा सचिवालय ने इस प्रकरण को लेकर बालूगंज पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई, जिस पर पुलिस ने आईपीसी की धाराओं 323, 341, 353,504, 34 व 124 के तहत मामला दर्ज किया। एफ़आईआर में पांचों कांग्रेस विधायकों को नामजद किया गया है।
इस बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष के व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि हिमाचल विधानसभा के इतिहास में ऐसी घटना कभी नहीं हुई। उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी कि यदि उसमें हिम्मत है तो वह सत्तापक्ष से लड़ें। उन्होंने कल विधानसभा में कहा कि इस घटना से देवभूमि हिमाचल शर्मसार हुई है, क्योंकि जो राज्यपाल के साथ हुआ वैसा हिमाचल ही नहीं बल्कि देश में भी नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने विरोध की सारी सीमाएं लांघी है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि इस घटना से सदन की मर्यादा को ठेस पहुंची है, वह असहनीय है। उन्होंने इस घटना के जिम्मेदार विधायकों के खिलाफ विधानसभा के नियमों और क़ानूनों के तहत कार्रवाई करने को भी कहा था।