हरिपुरधार/सुरेंद्र चौहान
हिमाचल की खूबसूरत वादियों में इन दिनों प्रकृति अपना मनमोहक दृश्य व सुंदर घटाएं बिखेरते हुए ऊपरी हिमाचल की खूबसूरत वादियों में सुंदर-सुंदर फूलों से लकदक खिलते हुए बुरांस के पेड़ अत्यंत सुंदर व सुहावने लग रहे है। पहाड़ों में इन दिनों प्रकृति अपना जलवा बिखेरती है और कई तरह की जड़ी बूटियों का समायोजन करती है। भौगोलिक दृष्टि के परिप्रेक्ष्य में ऊपरी क्षेत्रों में इन दिनों प्रकृति अपना सौंदर्य खूबसूरत नजारों में परिवर्तित करती है। सुंदर-सुंदर वनों में सुगंधित पुष्पों की कलियों का अवतरण करती है।
जड़ी बूटियों के अपार भंडार
चूड़धार के साथ लगते जंगलों में माता भंगायणी मंदिर के पीछे एक भ्यावन जंगल जो पुरनी के नाम से जाना जाता है इन दिनों इस जंगल में बुरांस के फूलों की महक दूर-दूर तक पंछियों की चहचाट के बीच देखने को मिलती है। इन दिनों प्रकृति की गोद में खिलते हुए फूलों के संग पंछियों ने भी डेरा डालकर मस्ती में झूमने का मजा लिया है।
प्राकृतिक सुंदरता के प्रतीक
वन सम्पदा मानव जीवन ही नहीं, वन्य प्राणियों, जीव जंतुओं तथा पशु पक्षियों के लिए अत्यंत आवश्यक है। वन प्राधिकरण अधिनियम के परिणाम स्वरूप वनों के संरक्षण व संवर्धन में प्रत्येक मानव को सहयोग करना चाहिए और वनों के कटान तथा आगजनी की घटनाओं से बचाना चाहिए।
वन संरक्षण समिति के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र चौहान वन विभाग वीट लूठकुड़ी, रेंज कुपवी जिला शिमला ने बताया कि वन विभाग खाली पड़ी जमीन पर पुरनी जंगल में पुन: वृक्ष लगाएं। भले ही पुरनी में विभिन्न प्रजाति के पेड़ पौधों की अनगिनत संख्या है फिर जमीन पर खाली पड़े हिस्सों में देवदार के पोधों को रोपा जाना चाहिए जाएं ताकि हमारी वन सम्पदा हरी भरी रहे।